छत्तीसगढ़ में SIR ने लौटाई बूढ़े मां-बाप की खुशियां, 13 साल बाद घर आई बेटी

बिगुल
छत्तीसगढ़ में SIR की प्रक्रिया जोरों-शोरों से चल रही है. इसके लिए बूथ लेवल आफिसर (BLO) घर-घर जाकर लोगों से SIR फाॅर्म भरवा रहे हैं. इसी दौरान प्रदेश भर से एसआईआर से जुड़ी अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही हैं. कहीं बीएलओ को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर इस दौरान 13 साल बाद बूढ़े मां-बाप के पास उनकी बेटी वापस लौट आई है. SIR की समय सीमा बढ़ाने को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल भी चुनाव आयोग पहुंचा है.
13 साल बाद लौटी खुशियां
छत्तीसगढ़ में एसआईआर के दौरान एक खूबसूरत तस्वीर भी सामने आई है. केशकाल में 13 साल बाद एक बूढ़े मां-बाप की खुशियां लौट आई हैं. 13 साल बाद उनकी बेटी घर वापस लौट आई है. साल 2012 में बूढ़े मां-बाप की बेटी सुनीता यादव पारिवारिक परेशानियों से तनाव में आकर घर छोड़कर चली गई थी और 13 सालों से रायपुर में अपने पति और बच्चों के साथ रहती थी. अब जब SIR के लिए सुनीता को माता-पिता के वोटर आईडी की आवश्यकता पड़ी, तो वह वापस केशकाल लौट आई है. इस तरह 13 सालों के बाद माता-पिता अपनी बेटी से मिल पाए हैं.
चुनाव आयोग पहुंचा कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल
छत्तीसगढ़ में 11 दिसंबर तक एसईआर प्रक्रिया की जानी है. वहीं जिसे लेकर अब कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल निर्वाचन आयोग पहुंचा है. मंडल ने एसआईआर की समय सीमा को तीन महीने तक बढ़ाने की मांग की है. बता दें कि चुनाव आयोग पहले ही एसआईआर की समय सीमा को 4 दिसंबर से 7 दिन तक बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है. वहीं कांग्रेस की मांग है कि फाइनल मतदाता सूची में BLA की भी सहमति अनिवार्य की जाए.
SIR के दौरान बीएलओ की बिगड़ी तबीयत
वहीं बिलासपुर में एसआईआर के लिए पहुंची BLO सुपरवाइजर गीता कृष्ण का अचानक बीपी बढ़ने से बेहोश हो गई. जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है. बेहोश होने पर मतदाता ने अपनी कर से BLO को अस्पताल पहुंचाया. महिला BLO की खराब हालत को लेकर अधिकारियों पर ज्यादा काम कराने का दबाव देने के आरोप लग रहे है.



