छत्तीसघाट

विधानसभा में ‘छावा : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विपक्ष के तमाम तीर-तुक्काम कैसे धराशायी किए..वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अनिल द्विवेदी का विश्लेषण

शीर्षक पढ़कर आप चौंक सकते हैं लेकिन यह सच है। अपनी सरकार के पंचम विधानसभा सत्र में हुए राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ‘छावा‘ की तरह छा गए। उन्होंने राज्य में फिल्म को इस उम्मीद के साथ टैक्स फ्री कर दिया कि देश के गौरवशाली इतिहास से युवा पीढ़ी जुड़ सके तथा प्रदेशवासियों में राष्ट्रप्रेम और शौर्य की भावना का निर्माण हो। विपक्ष ने यह फिल्म देखी कि नही, कह नही सकता मगर विधानसभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के भाषण का रोमांटिसिज्म इससे कमतर तो हरगिज नही था।

जो मृदु है, वह गरज भी सकता है। हालिया नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव में मिली छप्परफाड़ जीत से पैदा हुए आत्मविश्वास से लबरेज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अब विपक्ष को जवाब देना शुरू कर दिया है। मीडिया में आ रहे उनके बयान हों या विधानसभा में दिया गया भाषण, खिलंदड़ शैली के जवाबी हमले में श्री साय ने विपक्ष के तमाम तीरा—तुक्काम धराशायी कर दिए। आत्मीयता और जिंदादिली से कांग्रेस को चिढ़ाती उनकी टिप्पणी सुनिए : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी कहते थे कि ‘धरती हर मनुष्य की आवश्यकता की पूर्ति के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराती है लेकिन इससे मनुष्य के लालच की पूर्ति नही हो पाती। संसाधनों की जो लूट कांग्रेस सरकार में हुई, वैसी छत्तीसगढ़ ने पहले कभी नही देखी।’

विधानसभा के नेता, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जब यह कटाक्ष कर रहे थे तो सामने नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे। साय ने मुस्कुराते हुए विपक्ष की जमकर क्लास ली। बोले कि ‘गुजरे पांच वर्ष के कांग्रेसी राज में छत्तीसगढ़ के लोकतंत्र का चीरहरण होता रहा और धृतराष्ट्र चुप्पी साधे बैठे रहे।’ उनका इशारा संभवत: महंत की ओर रहा होगा क्योंकि तब वे विधानसभा अध्यक्ष थे। बेहद विनम्र और शांत साय को लेकर एक आधारहीन और असत्य नैरेटिव बनने लगा था कि सीएम बदला जा सकता है, इसका जवाब उन्होंने लगातार चुनाव जीतकर दिया। ताजा नगर निगम और पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस बुरी तरह परास्त हुई तो यह मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन पर जनता के विश्वास की मुहर है।

फिल्म छावा‘ का जिक्र करते हुए श्री साय ने कांग्रेस पर महापुरूषों के उज्जवल इतिहास को छिपाने का आरोप लगाया। वे यही नही रूके और कहा कि ‘जो लोग पैसे-कौड़ी की भाषा समझते हैं, उन्हें आस्था कहां समझ में आएगी। उनका इशारा महाकुंभ की ओर था जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कुंभ में डुबकी लगाने से क्या गरीबी दूर होती है, ऐसा कहके उन्होंने सनातन धर्म का अपमान किया। जबकि हमारी सरकार ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए विशेष पेवेलियन बनवाया और उनकी सेवा की। राजिम कुंभ कल्प का आयोजन और रामलला दर्शन योजना प्रारंभ कर हिंदुओं की आस्था का पूरा सम्मान किया। उन्होंने कहा कि हम जनता द्वारा चुने गए महापौरों-अध्यक्षों के बलबूते स्थानीय सरकार चलाते हैं और आप हैं कि कृपापात्र को महापौर बनाने के लिए जनता को चुनने का अधिकार तक छीन लिया।

विधानसभा के नेता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का तार्किक विश्लेषण अचंभित करता है। उन्होंने पीएम आवास पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि शपथ लेने के तुरंत बाद हमने गरीबों को 18 लाख आवास देने की शुरूआत की, जबकि कांग्रेस ने इसकी शुरूआत ही नही की क्योंकि उसने राज्यांश ही नही दिया। तत्कालीन सरकार ने अपने ही मंत्रियों की बात नही सुनी। साय ने आगे पीएससी घोटाला पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा ‘कांग्रेस राज में सिर्फ अधिकारियों और कांग्रेस नेताओं के बच्चे ही पीएससी में सिलेक्ट हुए और लाखों युवाओं के साथ अन्याय हुआ। शिकायत आने पर कांग्रेस सरकार ने कार्यवाही करने का झांसाभर देती रही तो हमने सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार करने वालों को जेल भेजा और पीएससी की विश्वसनीयता का लौटाया।

श्री साय ने कांग्रेस को नक्सलवाद पर भी घेरा। कहा कि कांग्रेस के पांच साल में 219 नक्सली मारे गए जबकि हमने महज 14 महीने में 305 नक्सली मार गिराए, 972 ने आत्मसमर्पण किया और 1183 गिरफतार हुए हैं। उन्होंने दोहराया कि हम नक्सलवाद का सफाया मार्च 2026 तक कर डालेंगे। सीएम साय ने कांग्रेस पर सबसे ज्यादा मारक प्रहार जल जीवन मिशन को लेकर किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने आपदा में अवसर खोजा। जल जीवन मिशन, कमीशन में तब्दील हो गया था तभी तो ठेकेदार ने ऐसी जगह पाइप लाइन बिछा दी जहां पानी का स्त्रोत ही नही था। महादेव सटटा घोटाला की याद दिलाते हुए साय ने तंज कसा कि इंटीशन मनी जितनी बंटती गई, सटटा का कारोबार उतनी तेजी से फैलता गया। आबकारी नीति इस तरह बदली कि उससे सरकारी राजस्व को करोड़ों का चूना लगा। साय ने कहा कि यह नंबर दो का पैसा कहां-कहां पहुंच गया, इसकी जांच अभी एजेंसियां कर रही हैं। दृश्य यह है कि ईडी अब कांग्रेस के राजीव भवन तक पहुंच गई है।

अंत में एक जरूरी सवाल।. सीएम साय के निशाने पर सबसे ज्यादा विधायक भूपेश बघेल ही क्यों रहे! उनकी एक टिप्पणी का जवाब देते हुए सीएम साय ने कहा कि मैं जनता की सेवा करने और परिणाम देने में यकीन रखता हूं, बाकी का आंकलन मीडिया करता है और मेरे फोटो छापता है। कांग्रेस के राज में मीडिया का बजट अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा बजट रहा लेकिन मीडिया की स्वतंत्रता छीन ली गई थी। कांग्रेस सरकार के पापों को उजागर करने वाले, सच कहने और लिखने वालों को जेल में डाल दिया गया। आपने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि तक रोक दी लेकिन हमने उसे पुनः प्रारंभ कर दिया। श्री साय ने धान खरीदी, महतारी वंदन, मुफत राशन पर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि आपके आरोप सही होते तो चुनावों में जनता आपको जमीन ना दिखाती।

-लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं
Mo : 9826550374

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