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एक करोड़ की घूस के मामले में CBI का नारकोटिक्स कार्यालय में छापा, 44 लाख पहले लिए; इंस्पेक्टर गिरफ्तार

बिगुल
उज्जैन नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय में शुक्रवार सुबह सीबीआई ने छापा मारा। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे शहर में चर्चा हो गई। सबका एक ही सवाल था कि सीबीआई ने नारकोटिक्स विभाग में छापा क्यों मारा है। शाम होते-होते इस सवाल का जवाब मिल गया। दरअसल, यह कार्रवाई एक गोपनीय शिकायत के बाद नारकोटिक्स विभाग में पदस्थ इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह जाट के खिलाफ की गई।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राजस्थान के बड़ीसादड़ी निवासी मांगीलाल गुर्जर ने 15 जुलाई को सीबीआई जयपुर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, 27 मार्च को उज्जैन में तैनात नारकोटिक्स इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने मांगीलाल के घर छापा मारकर 400 किलो डोडाचूरा जब्त किया था। इसके बाद महेंद्र सिंह ने मांगीलाल के परिवार को नारकोटिक्स केस में न फंसाने की एवज में एक करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसकी मांग चित्तौड़गढ़ निवासी दलाल जगदीश मेनारिया के माध्यम से की गई। सौदा 53 लाख रुपए में तय हुआ, जिसके बाद मांगीलाल ने तीन किश्तों में 44 लाख रुपये दलाल को दिए। लेकिन, रिश्वत की मांग यहीं नहीं रुकी।

मांगीलाल पर बाकी के नौ लाख रुपये देने के लिए भी लगातार दबाव बनाया गया। इससे परेशान होकर उसने सीबीआई जयपुर से संपर्क किया। योजना के तहत, मांगीलाल ने दलाल को सांवलिया जी के पास एक होटल में तीन लाख रुपए देने के बहाने बुलाया। जैसे ही वह पैसे लेने आया, सीबीआई की टीम ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दलाल ने इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह का नाम लिया, जिसके बाद उज्जैन स्थित नारकोटिक्स कार्यालय में सीबीआई की टीम ने छापामार कार्रवाई की। कुछ देर की जांच के बाद महेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले को लेकर नारकोटिक्स विभाग के किसी भी अधिकारी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। शुक्रवार सुबह से ही कार्यालय में सीबीआई की मौजूदगी बनी रही और दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

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