जग्गी हत्याकाण्ड : अमित जोगी की रिहाई पर खड़े हैं कई सवाल खड़े, जग्गी की याचिका लंबित, अमित जोगी को मिला हुआ है स्टे
बिगुल
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले के दोषी आज कोर्ट में सरेंडर करने जा रहे हैं. यह मामला जितना चर्चित हुआ इस मामले का फैसला उससे ज्यादा चर्चित रहा. खासतौर पर अमित जोगी की रिहाई संबंधी फैसले पर कई सवाल खड़े हैं. सतीश जग्गी ने एक याचिका भी लगा रखी है जिस पर जोगी को स्टे मिला हुआ है.
जानते चलें कि हाल ही में आए फैसले के बाद इस मामले के सभी 27 आरोपी जिला एवं सत्र न्यायालय में सरेंडर करेंगे. कोर्ट ने इन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.ये सभी अब तक जमानत पर बाहर थे.अब सरेंडर करने जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को 28 दोषियों की अपील को खारिज कर दिया था. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने लोअर कोर्ट के फैसले आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा.
क्या है पूरा मामला
रामावतार जग्गी दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी थे. शुक्ल कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए थे जिसके बाद जग्गी भी उनके साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. विद्याचरण ने जग्गी को छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया था. इस समय छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का कार्यकाल था. राज्य में विधानसभा चुनाव होने थे. इसी दौरान 4 जून 2003 को राजधानी रायपुर में जग्गी को गोली मार दी गई.से पूरा प्रदेश हिल गया था.
पूर्व सीएम अजीत जोगी को हुई थी जेल
इस हत्याकांड के लिए पूर्व सीएम अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन तबीयत खराब होने के चलते वे जेल नहीं गए. पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था. हालांकि बाद में इस केस से सीएम का नाम हट गया.
पूर्व सीएम के बेटे समेत 31 आरोपियों का नाम आया सामने
इस मामले में 31 आरोपित बनाए गए थे. दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए. जिसके बाद 29 आरोपियों पर केस चलता रहा. इस मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर बाकी सभी 27 आरोपितों को सजा हुई थी. सीबीआई की विशेष अदालत में 2007 में सुनवाई हुई जिसमें पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को दोषमुक्त करार दे दिया
इस हत्याकाण्ड के आरोपी अनवर ढेबर और अंशुल गोयल ने अमित जोगी की रिहाई का फैसला देने वाले जज अजय तिड़के पर 25 लाख की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. वहीं जज ने मानहानि का केस इन आरोपियों पर कर रखा है. इस फैसले के कुछ माह बाद ही अजय तिड़के रिटायर हो गए थे. दूसरी ओर सतीश जग्गी ने अमित जोगी की रिहाई के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका लगा रखी है. फिलहाल इस मामले में अमित जोगी को स्टे मिला हुआ है.