छत्तीसघाट

आत्महत्या नहीं, कचरू साहू की हुई थी हत्या, पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने पेड़ पर लटकाई लाश

बिगुल

रेंगाखार जंगल थाना क्षेत्र के ग्राम लोहारीडीह के युवक कचरू साहू के हत्या मामले में बुधवार को बड़ा खुलासा हुआ। इस गांव से करीब 10 किमी दूर एमपी के बालाघाट जिले के बिरसा थाना क्षेत्र के जंगल में 15 सितंबर को कचरू साहू उर्फ शिव प्रसाद साहू की शव फंदे पर लटकी मिली थी। शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर इसे आत्महत्या बताया गया। इस मामले में जब बालाघाट पुलिस ने बारीकी से जांच की तो हत्या की जानकारी सामने आई है। बुधवार को बालाघाट पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार, मामले की जांच के दौरान मृतक से संबंधित साक्षियों के बयान लिए गए। मृतक के मोबाइल नंबर व संदेहियो के नंबर की सीडीआर प्राप्त कर गहनता से एनालिसिस किया गया। अलग-अलग संदेहियों से पूछताछ की गई। मुखबिरों द्वारा गोपनीयता से सभी संदेहियो के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। जांच के दौरान संदेहियों से लगातार पूछताछ की गई, लेकिन संदेहियो द्वारा गुमराह किया जाता रहा। संदेही टेकचंद पटेल से प्रांरभिक लीड मिली। सभी संदेही से अलग-अलग पूछताछ पर हत्या का खुलासा हुआ। प्लान के मुताबिक टेकचंद पटेल, रोशन साहू, दिनेश साहू, राखीलाल हिरवाने द्वारा मृतक कचरू साहू को उसके ही गमछे से पेड़ पर फांसी पर लटका करके हत्या की गई है।

इस तरह वारदात को दिया अंजाम
दिनेश व रोमन ने कचरू के प्रत्येक गतिविधि की बारिकी से रैकी की। उसके आने-जाने उठने बैठने के संबंध में जानकारी लिया। इन्हें पता चला की कचरू का दमोह (एमपी) तरफ आना-जाना लगा रहता है। प्लान बनाया कि इसे छत्तीसगढ़ की सीमा के बाहर मध्यप्रदेश में निपटाएंगे। कचरू के सबसे करीबी दोस्त टेकचंद पटेल को पैसा का लालच देकर कचरू के लोकेशन देने के संबंध में मनाया। इसके एवज में 10 हजार रुपये एडवांस भी दिए। साथ ही दिनेश और रोमन ने अपने रिश्ते के भाई राखीलाल (जो कि दिनेश के बुआ का लड़का है) को शामिल किया।

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