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नेता प्रतिपक्ष महंत का गंभीर आरोप, नरेन्द्र मोदी पर भाजपा अचानक लेकर आई धन्यवाद प्रस्ताव, हमने बहिष्कार किया..आखिर मंत्रियों को अपनी कुर्सी जो बचानी है : भूपेश बघेल

बिगुल

रायपुर. पांच दिनों तक चले छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का समापन हो गया. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने समापन भाषण में सत्ता पक्ष, विपक्ष, मीडिया और विधानसभा सचिवालय का आभार जताते हुए कहा कि सदन का सम्मान बनाए रखने के लिए हम सभी ने दलीय प्रतिबद्धता से हटकर सिर्फ जनहित को प्राथमिकता दी. उन्होंने ऐलान किया कि अगला विधानसभा सत्र आगामी दिसंबर माह के द्वितीय या तृतीय सप्ताह में आहूत होने की संभावना है.

जान लीजिए कि सत्तारूढ़ भाजपा ने कल विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार देश की कमान संभालने पर बधाई देते हुए प्रस्ताव पारित किया. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने सदन में प्रस्ताव रखा, जिसमें कहा गया, ‘यह सदन जनप्रिय व यशस्वी प्रधानमंत्री परम श्रद्धेय श्री नरेन्द्र मोदी जी को लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई एवं शुभकामनाएं देता है। श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अत्यधिक ऊंचाइयां प्राप्त की है, उनके कुशल नेतृत्व में हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में अपना स्थान बना पाएगा। उन्हीं के नेतृत्व में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होगा।’

चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने को बड़ी उपलब्धि बताया. चर्चा के बाद सदन ने विपक्षी कांग्रेस विधायकों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया।

कांग्रेस ने किया बर्हिगमन

दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य पीएम मोदी पर आए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मौजूद नहीं थे. उन्होंने एक अन्य मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया था और वे तब तक सदन में नही आए जब तक कि मोदीजी पर प्रस्ताव पास नही हो गया. यहां यह कहावत फिट होती है कि डार के चूके बेंदरा और अषाढ़ के चूके किसान. बड़ा सवाल खड़ा है कि अगर कांग्रेस के विधायक सदन में मौजूद होते तो वे मोदी की तारीफ में सरकार ने जो कसीदे गढ़े, उसे कैसे सुन सकते थे या स्वीकार कर सकते थे. जाहिर है उन्हें जवाब देना पड़ता या बहस करनी होती सो इससे बचने के लिए बर्हिगमन ही सही रास्ता लगा होगा.

कांग्रेस दल ने जिस तरह बर्हिगमन किया, उस फैसले का कईयों ने समर्थन किया जबकि अधिकांश ने इसे गलत करार दिया. अगर कांग्रेस यह दावा करती है कि लोकसभा चुनाव में मोदीजी की हार हुई है और राहुल गांधी के समर्थन में उसने पहले की अपेक्षा दो गुना सीटें ज्यादा जीती हैं तो इसे साबित करने के लिए विधानसभा में चर्चा करने से अच्छा मौका क्या मिल सकता था जो उसने गंवा दिया. विपक्ष के पास राहुल गांधी की सफलता के अलावा देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी सहित कई मुददे थे जिस पर वह भाजपा को घेर सकती थी लेकिन कांग्रेस चूक गई.

नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने इस पर सफाई दी कि आपकी चिंता वाजिब है लेकिन भाजपा ने यह धन्यवाद प्रस्ताव अचानक पेश किया. कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसलिए हमने इसका बहिष्कार कर दिया लेकिन आने वाले समय में हम इन सारे मुददों पर चर्चा जरूर करेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए भाजपा ने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया. आखिर सबको अपनी कुर्सी बचानी है.

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