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हथियार छोड़ शांति वार्ता को राजी नक्सली; ‘डेडलाइन’ से पहले क्यों आना चाहते हैं मुख्यधारा में, जानें

बिगुल
छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सल ऑपरेशन चलाये जाने से नक्सली घबराये हुए हैं। प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों और बस्तर संभाग के जगलों में सुरक्षा बलों के सर्चिंग अभियान से भयभीत और हताश हैं।

माआवोदी संगठन के टॉप लीडर्स के नक्सल मुठभेड़ में मारे जाने और सरेंडर करने से उनका संगठन लगातार कमजोर होते जा रहा है। ऐसे में नक्सलियों ने आज बुधवार को फिर एक प्रेस नोट जारी किया है। बड़ी बात ये है कि इस प्रेस नोट के साथ ही पहली बार ऑडियो संदेश भी जारी कर जनता से माफी मांगी है। सोशल मीडिया पर नक्सलियों का ये प्रेस नोट और ऑडियो संदेश तेजी से वायरल हो रहा है।

माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य (पीबीएम) मोलेजुला वेणुगोपाल उर्फ अभय उर्फ सोनू दादा सोनू ने छह पन्नों का पत्र लिखकर नक्सल आंदोलन को अंजाम तक न पहुंचा पाने के लिए माफी मांगी है। इस मामले में एक ऑडियो संदेश भी जारी करने की बात पत्र में लिखा है। हालांकि ये ऑडियो संदेश और लेटर 15 अगस्त 2025 का है, जिसे नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने 17 सितंबर को जारी किया है।

8 मिनट 35 सेकंड का ये ऑडियो और लेटर 15 अगस्त को जारी जारी किया गया था। इसमें शांतिवार्ता को लेकर पार्टी की रणनीति को स्पष्ट करने के लिये एक तरह से केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने को कोशिश की जा रही है। नक्सली अपना कुनबा खत्म होते देख नक्सल ऑपरेशन को रोकने के लिये सरकार से अपील कर रहे हैं। अमर उजाला इस इस प्रेस नोट और ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

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