MP : टीकमगढ़ जिला जेल में मशरूम का उत्पादन हुआ शुरू, कैदियों को दिया गया था प्रशिक्षण
बिगुल
टीकमगढ़ जिला जेल के अधीक्षक प्रतीक जैन ने मंगलवार की दोपहर जानकारी देते हुए बताया कि टीकमगढ़ जिला जेल में बंद कैदियों के सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं। इसी क्रम में उन्हें स्वावलंबन की ओर ले जाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ़ के सहयोग से 22 सजायाफ्ता कैदियों को मशरूम उगाने का प्रशिक्षण दिया गया था जो अब सफल हो गया है और इसे व्यापक पैमाने पर जिला जेल में उत्पादन करके आगे बढ़ाया जाएगा और इसकी मार्केटिंग की जाएगी।
टीकमगढ़ जिला अधीक्षक प्रतीक जैन ने बताया कि टीकमगढ़ जिला जेल में बंद 22 कैदियों को मशरूम उगाने का प्रशिक्षण जेल के अंदर दिया गया था, जिसमें टीकमगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ बीएस किराड़ ने मशरूम उत्पादन सिखाया था, जिससे कि वह स्वावलंबन की ओर जा सके और खुद जेल में रहते हुए काम करें और पैसा कमा सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए इन्हें यह प्रशिक्षण सितंबर माह में दिया गया था।
कैदियों ने की मशरूम की खेती
प्रशिक्षण के बाद 22 कैदियों ने मशरूम की खेती करना जेल के अंदर शुरू किया। उन्होंने बताया कि जेल के अंदर 10 बाई 10 के कमरे में मशरूम लगाई गई, जो डेढ़ महीने बाद काफी मात्रा में पैदा हुई है, यानी कि एक प्रैक्टिकल किया गया था।
जेल अधीक्षक ने बताया कि अब इस मशरूम की खेती को जेल के अंदर बढ़ावा दिया जाएगा और एक बेरक जो खाली रहता है, जिसका साइज 20/40 है, जिसमें अब मशरूम की खेती बड़ी पैमाने पर की जाएगी। इससे कैदियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि यह है प्रयास बंदी सुधार के तहत किया जाए, जिससे कि जब वह सजा पूरी होने पर जेल से बाहर जाएं तो समाज की मुख्य धारा में फिर से वापस आ सके, जिनके लिए जेल के अंदर तकनीकी क्षमता पैदा करना है।
उन्होंने बताया कि जेल में अधिकांश कृषि से जुड़े हुए कैदी हैं, जिसके चलते यह कदम उठाया गया है और मशरूम बीज का प्रयोग करके जेल की खाली पड़ी जगहों पर उसको लगाया और उसकी आगे की ट्रेनिंग बंदियों को दी जा रही है।



