लापरवाही ! वार्षिक परीक्षा नजदीक, आदिवासी छात्रों को नहीं मिल रही कोचिंग, आदिम जाति अधिकारी ने कही यह बात
बिगुल
कटनी। मध्यप्रदेश के कटनी जिले में आदिवासी वर्ग के छात्रों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। पढ़ाई में रुचि रखने वाले छात्रों को उत्कृष्ट आदिवासी छात्रावासों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि इन होनहार छात्रों की प्रतिभा को पंख लग सके। लेकिन सरकारी तंत्र के उदासीन रवैये के कारण इस शिक्षा सत्र में 11 उत्कृष्ट आदिवासी छात्रावासों में रह रहे 524 छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ता नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, जुलाई में शुरू होने वाले शिक्षा सत्र में कोचिंग की व्यवस्था इस बार नवंबर के अंतिम सप्ताह तक भी शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में, जब वार्षिक परीक्षा में महज 60-70 दिन ही शेष हैं, तो कटनी के इन 524 होनहार छात्रों के लिए उत्कृष्ट परिणाम देना मुश्किल हो सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासी समाज के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन कटनी जिले के स्थानीय प्रशासन की लापरवाही आदिवासी छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। छात्रावास में रह रहे छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था जुलाई से शुरू की जाती रही है, लेकिन इस बार यह व्यवस्था अब तक नदारद है।
छात्रों का कहना है कि त्रैमासिक परीक्षा पूरी हो चुकी है, अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं, और बोर्ड की वार्षिक परीक्षा भी करीब है। ऐसे में, कोचिंग सुविधा के लिए उन्होंने अधीक्षक से संपर्क किया, लेकिन समाधान का कोई ठोस जवाब नहीं मिला।