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छत्तीसगढ़ के रायपुर में पटवारी का कारनामा उजागर: राजस्व रिकॉर्ड में की छेड़छाड़, SDM ने किया सस्पेंड

बिगुल
रायपुर के पंडरीतराई गांव में पटवारी विरेंद्र कुमार झा (Patwari Virendra Kumar Jha) का नाम इन दिनों सुर्खियों में है। पटवारी पर गंभीर आरोप हैं कि उसने अपने शासकीय पद का दुरुपयोग (Misuse of Position) करते हुए राजस्व अभिलेखों (Revenue Records) में मनमर्जी से बदलाव किया और इस हेरफेर का सीधा फायदा इलाके के भू-माफियाओं (Land Mafia) को हुआ।

ग्राम सेवा समिति रायपुर (Gram Seva Samiti Raipur) ने इस घपले की शिकायत संभाग आयुक्त कार्यालय (Divisional Commissioner Office) में की थी। शिकायत पर जांच बैठाई गई और जांच में आरोप सही पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक पटवारी का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 (Chhattisgarh Civil Service Conduct Rules-1965) के नियम-3 का सीधा उल्लंघन है और इसे कदाचरण (Misconduct) की श्रेणी में रखा गया है।

शिकायत सही पाई गई, एसडीएम ने लिया बड़ा एक्शन
शिकायत सही मिलने के बाद रायपुर एसडीएम (Raipur SDM) ने विरेंद्र कुमार झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया है। निलंबन आदेश में साफ कहा गया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक पटवारी विरेंद्र कुमार झा रायपुर तहसील (Raipur Tehsil) में मुख्यालय में ही रहेंगे। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) मिलेगा।

नए पटवारी को सौंपा गया काम
ग्राम पंडरीतराई का पूरा प्रभार फिलहाल पटवारी बलराम ध्रुव (Patwari Balram Dhruv) को सौंपा गया है, जो अब कचना गांव (Kachna Village) के भी पटवारी हैं। बलराम ध्रुव तब तक पंडरीतराई के पटवारी रहेंगे जब तक इस मामले में कोई अंतिम आदेश नहीं आ जाता।

सरकारी सिस्टम पर उठे सवाल
इस मामले ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम (Government System) की खामियों को उजागर कर दिया है। लोगों में सवाल उठ रहे हैं कि एक पटवारी आखिर कैसे इतनी बड़ी हेराफेरी (Manipulation) कर लेता है और किसी को भनक तक नहीं लगती। स्थानीय लोग अब मांग कर रहे हैं कि इस तरह के मामलों में भू-माफियाओं पर भी कड़ी कार्रवाई (Strict Action) हो ताकि आगे कोई सरकारी कर्मचारी इस तरह की हरकत ना कर सके।

अफसरों को भी सख्त निगरानी की जरूरत
जानकारों का मानना है कि जमीन से जुड़े मामलों में पटवारी से लेकर तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector) तक की भूमिका बेहद अहम होती है। अगर निगरानी (Monitoring) कमजोर होगी तो इस तरह के मामले सामने आते रहेंगे।

कार्रवाई से बनेगा उदाहरण
पटवारी विरेंद्र कुमार झा का निलंबन इस बात का संकेत है कि सरकार अब ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की नीति पर काम कर रही है। अगर जांच में पटवारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई (Departmental Action) के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

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