14 मंत्रियों पर फंसा पेंच, हाई कोर्ट ने तलब की SC की रिपोर्ट

बिगुल
छत्तीसगढ़ में हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है. साय कैबिनेट में 3 नए मंत्री शामिल हुए ह हैं, जिसके बाद CM समेत कुल मंत्रियों की संख्या बढ़ कर 11 से 14 हो गई है. अब मंत्रिमंडल विस्तार का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. कांग्रेस ने इसके विरोध में एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर 2 सितंबर को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
हाई कोर्ट ने तलब की SC की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसके साथ ही कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. अब इस मामले में तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
क्यों हो रहा विरोध?
नियमों के अनुसार, प्रदेश में मंत्रियों की संख्या विधायकों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती है. छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीट हैं. ऐसे में नियमों के मुताबिक प्रदेश कैबिनेट में अधिकतम 13.5 मंत्री हो सकते हैं. कांग्रेस ने इसी आधार पर विरोध जताया है. दूसरी ओर BJP ने हरियाणा फॉर्मूले का हवाला देकर अपने निर्णय का बचाव किया है.
छत्तीसगढ़ में 3 नए मंत्री
20 अगस्त को छत्तीसगढ़ को 3 नए मंत्री मिले हैं. दुर्ग से विधायक गजेंद्र यादव, अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने मंत्री पद की शपथ ली है. 3 नए मंत्रियों के शपथ के बाद मंत्रिमंडल में मंत्रियों की कुल संख्या 14 हो गई है, जो 15 प्रतिशत से ज्यादा कही जा रही है. वहीं, कुछ समय पहले हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव हुए थे. वहां भी 90 विधानसभा सीट हैं. नायब सिंह सैनी ने जब CM पद की शपथ ली तो उनके साथ 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. यानी CM समेत कुल 14 मंत्री. इसी हरियाणा फॉर्मूले पर छत्तीसगढ़ में भी कैबिनेट विस्तार हुआ है.