Blog

भीषण गर्मी के बीच कोतासुरा गांव में पानी की समस्या से जूझ रहे लोग, घंटों लाइन में खड़े होने को मजबूर

बिगुल
नल जल योजना गांव-गांव पहुंचने के बावजूद आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड रहा है। गर्मी के दिनों में कई गांव में पानी की गहराई इतनी ज्यादा होती है कि हैंडपंपों और बोरपंपों से निकलने वाला पानी भी सूख जाता है जिससे लोगों को नदी-नाले या डबरी-तालाबों के पानी को पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ठीक इसी तरह इन दिनों रायगढ़ जिले के कोतासुरा गांव में पानी की समस्या इस कदर है कि ग्रामीणों को पीने पानी के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ती है। कई बार शिकायत करने के बावजूद आज तलक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।

रायगढ़ जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोतासुरा गांव की आबादी लगभग 2500 के आसपास है। गर्मी के दिनों के यहां वाटर लेवल काफी नीचे चले जाने के कारण बीते कुछ वर्षों से यहां के लोगों को पीने के पानी के लिये कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान हालात की बात करें तो मात्र दो बोर पंप पर पूरा गांव आश्रित है। उसमें भी बूंद-बंद करके लोगों का घड़ा भर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव मे 500 से अधिक घरों में नल जल का कनेक्शन हो चुका है। जिसमें लास्ट जनवरी तक ही पानी आया है उसके बाद से घरों में लगा नल पूरी तरह से सुख चुका है।

देर रात 3 बजे लगानी पड़ती है लाइन
गांव की महिलाओं ने बताया कि बीते तीन महीनों से गांव में पानी की समस्या बनी हुई है। इससे पहले गांव से गुजरी पाइप लाइन से वे पीने का पानी के अलावा दाल और चाय बनाने के लिये पानी लाते थे। लेकिन अब उस पाइप लाइन को बंद कर दिया गया है और वाटर लेवल नीचे जाने के चलते बोर पंप भी सूख चुके हैं। जिसके कारण पीने के पानी के लिये देर रात तीन बजे से लाइन लगानी पड़ती है तब जाकर उन्हें पानी नसीब हो पाता है।

खेती किसानी पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या के चलते यहां खेती किसानी भी पूरी तरह से ठप्प होती जा रही है। पानी के अभाव में यहां के कई किसान गर्मी के दिनों में धान के अलावा अन्य फसलों की खेती करना लगभग बंद कर चुके हैं। कुछ किसान ऐसे हैं जो तालाबो के भरोसे खेती कर रहे हैं। गांव के कई किसानों के 15 से 20 एकड़ में लगे धान की फसल भी पानी के अभाव में नष्ट हो जाने की बात ग्रामीणों ने कही है।

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button