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आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पताल सरकार को लगा रहे चूना, दलालों ने सैकड़ों स्वस्थ लोगों को अस्पताल में कराया भर्ती

बिगुल
अंबिकापुर. सरगुजा जिले में आयुष्मान कार्ड पर निजी अस्पताल सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं, अस्पताल इसके लिए फर्जीवाड़ा करते हुए स्वस्थ लोगों को भी अस्पताल में भर्ती कर रहे हैं. इसके बाद आयुष्मान कार्ड से इलाज की राशि का क्लेम कर रहे हैं. ग्राउंड जीरो पर जाकर इसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, लेकिन जिम्मेदार अफसर लापरवाही बरत रहें हैं.

सरगुजा जिले के निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से सरकार को चूना लगा रहे हैं. इसकी पड़ताल के लिए विस्तार न्यूज़ की टीम सरगुजा के मैनपाट के गांवों में पहुंची और वहां पर जाकर लोगों से बातचीत की तो सरभंजा के माझी जनजाति के एतवारी, फुलासो, शीतलो सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि कुछ लोग उनके गांव पहुंचते हैं, और वे इलाज करने की बात करते हैं. उन्हें कहा जाता है कि गोली दवा देकर अस्पताल से वापस भेज दिया जाएगा लेकिन जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो वहां उनसे आयुष्मान कार्ड ले लिया गया और चार से पांच दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया गया, बीमार नहीं होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती कर दिया गया, तो कई लोग अस्पताल से भाग कर वापस घर आ गए और उसके बाद आयुष्मान कार्ड से क्लेम कर सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पड़ताल में अभी खुलासा हुआ है कि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन उनके द्वारा निजी अस्पतालों की निगरानी नहीं की जा रही है और यही वजह है कि अंबिकापुर के कुछ अस्पताल इस गोरख धंधे में लिप्त हैं.

दलालों ने बनाया धंधा
जानकारों की माने तो सरगुजा जिले के कुछ निजी अस्पताल लोगों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए लाने वाले दलालो को एक मरीज पर 5 से ₹10000 दिया जाता है. मैनपाट के भाजपा नेता रजनीश पांडे ने बताया कि जब उन्हें इस गोरख धंधे की जानकारी लगी तो उन्होंने उन लोगों का आयुष्मान कार्ड सरकारी अस्पताल में ले जाकर चेक कराया जिन्हें निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर भर्ती कराया गया था. उनके आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पताल ने 48 से ₹50000 तक का इलाज करना बताया है और इसके लिए क्लेम भी कर दिया है. सरगुजा जिले में 7.76 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बने हैं. एक आयुष्मान कार्ड से मरीज का 5 लाख तक का इलाज मुफ्त में किया जाता है. सरगुजा में 24 अस्पताल हैं, जो आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज करते हैं. आयुष्मान या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है. जिसे 23 सितम्बर, 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया था.

विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई

अब सवाल उठ रहा है कि आखिर निजी अस्पतालों को इस गोरख धंधे में आखिर विभाग के किन अधिकारियों का साथ मिल रहा है क्योंकि इस फर्जीवाडे में जब तक विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता नहीं होगी. तब तक आयुष्मान कार्ड के तहत किए गए क्लेम की राशि अस्पतालों को नहीं मिल पाएगी, बताया जाता है कि निजी अस्पताल इस गोरखधंधा से मिलने वाले रुपए का एक बड़ा हिस्सा अफसरों तक भी पहुँचाते हैं और यही वजह है कि इस पूरे मामले में कार्रवाई की बात तो दूर जांच तक नहीं की जाती है।

शिकायत करेंगे तब कार्यवाही होगी – प्रभारी सीएमओ

प्रभारी सीएमओ डा जेके रेलवानी से इसे लेकर बात किया गया, तो उन्होंने कहा कि लोग शिकायत करेंगे तब कार्यवाही होगी. वहीं सीएमओ डा गुप्ता ने कहा कि मामला गंभीर है पुलिस में केस दर्ज कराना चाहिए. वहीं कलेक्टर सरगुजा विलास भोसकर ने कहा कि यह स्वास्थ विभाग का मामला है, सीएमओ को कार्यवाही करना चाहिए. तमाम अफसरों से बातचीत के बाद साफ हुआ, कि इस गोरखधंधे को रोकने और निजी अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं.

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