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कागजों में बांटे 30 लाख के रेडियो-छाते, 46 लाख जागरूकता में फूंके, सरगुजा जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में सनसजीखेज आरोप, सदस्यों ने कहा कि कमेटी बनाकर इसकी जांच कराएं

बिगुल
अंबिकापुर. आज खुब गहमागहमी रही. जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित जिला पंचायत के अन्य सदस्यों ने सरकार के कई योजना पर सवाल खड़े किये हैं, और धरातल पर योजना के क्रियान्वयन को लेकर रोष व्यक्त करते हुए कई योजनाओं में जिला पंचायत सदस्यों की समिति बनाकर जांच की बात सामान्य सभा की बैठक में उठायी गई है

स्कूल जतन योजना, जल जीवन मिशन, डीएमएफ, जनपद पंचायत विकास निधि, 15वें वित्त, आंतरिक विद्युतीकरण सहित कई मुद्दों पर अधिकारियों को आज जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत सदस्यों ने घेर लिया. जिसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं था. अधिकारियों के जवाब से सदस्यगण काफी नाराज़ दिखे.

स्कल जतन योजन के तहत अतिरिक्त कक्ष बनाने के नाम पर स्कूलों की तोड़ी गई बिल्डिंग के स्थान पर नये भवन नहीं बनाये गये तथा करोड़ों रूपये टेंडर की प्रक्रिया एवं अन्य कार्य नहीं होने से वापस चले जाने पर हाउंसिंग बोर्ड, आरईएस एवं शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर जिला पंचायत के सदस्यों ने रोष जाहिर करते हुए कहा है कि 191 कार्य अप्रारंभ है, इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिये और कार्यवाही भी हो. साथ ही जिला पंचायत सामान्य सभा से राज्य सरकार को पत्र भी प्रेषित करने का निर्णय लिया गया है जिससे की वापस गये रकम को जिला को उपलब्ध कराया जाये, जिससे की विद्यालयों में भवन की उपलब्धता हो सके.

डीएमएफ का 46 लाख जागरूकता में फूंका
जिला पंचायत सदस्य सुनिल बखला ने डीएमएफ मद से मैनपाट में मांझी मझवार में जागरूकता कार्यक्रम एवं मांझी मझवार युवाओं को जागरूकता एवं खेल गतिविधियों के लिये खर्च किये गये 20 लाख एवं 26.50 लाख रूपये का मामला सहित लगभग डीएमएफ के तीस लाख से रेडियो और छाता बांटने के मामले को उठाते हुए कहा कि विभाग समस्त हितग्राहियों की जानकारी उपलब्ध करायें ताकि जिला पंचायत सदस्यों कि एक समिति बनाकर हम जाकर मैनपाट में यह देखें कि जागरूकता के नाम पर खर्च किये लगभग 50 लाख से क्या बदलाव आया। वहीं छाता व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण किसे-किसे दिया गया।

जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने जिला में चल रहे आंतरिक विद्युतीकरण की योजना में हो रही धंाधली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि यह विद्युत विभाग से संबंधित कार्य है, जिसमें विद्युत विभाग की तकनिकी स्वीकृति एवं सहमती पर ही कार्य किया जाना चाहिये, क्यों कि बाद में यह विद्युत विभाग को ही हैण्डओवर होना है। ऐसे में विद्युत विभाग के जानकारी एवं स्वीकृति के बिना कराये जा रहे कार्यों से कभी भी कोई गंभीर हादसा अथवा कोई ऐसी परिस्थिति बनी तो इसकी जवाबदेही कार्य करने वाले पर तय की जाये। जिला पंचायत के सामान्य सभा द्वारा सभी 7 जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि विद्युत विभाग के तकनिकी स्वीकृति एवं सहमति पर ही कार्य हो।

पीएचई के कार्यप्रणाली से जिला पंचायत सदस्यों में नाराज़गी
जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने पीएचई के रेट्रो फिटिंग, एकल जल योजना एवं सामूहिक योजना के कार्यों पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि पीएचई के अधिकारी बताते हैं कि कई गांवों में घर-घर पानी आ रहा है, लेकिन हमारे सभी जिला पंचायत सदस्य इससे इंकार कर रहे हैं, सबका कहना है कि एक गांव भी ऐसा नहीं है जहां पानी पहुंचा है. ऐसे में यह करोड़ों रूपये की योजना सफेद हाथी साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि अभी 1500 करोड़ से अधिक के कार्य जिले में चल रहे हैं, किसी भी कार्य की जानकारी के लिये जब पीएचई के ईई से संपर्क किया जाता है तो वे जिला पंचायत सदस्यों का फोन तक रिसीव नहीं करते और बैठक में उनके जो प्रतिनिधि आये हैं वे गोल-गोल जवाब देकर भ्रमित कर रहे हैं. आगामी बैठक में सही जानकारी लेकर आवे और ऐसे गांवों में जिला पंचायत सदस्यों को ले चलें जहां निरंतर घर पर पानी पहुंच रहा है.

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