जेल में बंद बंदियों के परिवार से हो रही वसूली, HC ने जेल महानिदेशक को शपथपत्र दाखिल करने का दिया निर्देश

बिगुल
हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जेल में बंद विचाराधीन बंदियों के परिवारों से जबरन वसूली और विभिन्न बैंक खातों में ऑनलाइन राशि जमा करने के गंभीर मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की एकल पीठ ने जेल महानिदेशक, रायपुर को व्यक्तिगत शपथपत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
यह मामला लुकेश्वरी जोश अब्राहम की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें उनके अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान राज्य अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता ने अपने पति (हत्या के मामले में जेल में निरुद्ध) सहित अन्य बंदियों के परिवारों से जबरन धन वसूली की और उन्हें विभिन्न खातों में राशि जमा करने के लिए मजबूर किया। यह भी सामने आया कि याचिकाकर्ता के खाते में भी कुछ राशि जमा की गई है।
कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल महानिदेशक को शपथपत्र के माध्यम से स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने एक सह-आरोपी की जमानत याचिका, जो समान अपराध में शामिल है, को 15 जुलाई 2025 के लिए सूचीबद्ध किया है। कोर्ट ने राज्य अधिवक्ता को निर्देश दिया कि इस आदेश की प्रति जेल महानिदेशक, छत्तीसगढ़, रायपुर को आवश्यक जानकारी और अनुपालन के लिए प्रेषित की जाए।