अजब-गजब नर्सिंग काउंसिल, आउटसोर्स कर्मचारी के हवाले 16 शाखाओं की कमान, जानें क्या है गड़बड़झाला

बिगुल
मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल में एक आदेश से खासा बवाल मचा हुआ है। एक 78 वर्षीय कर्मचारी को 22 में से 16 शाखाओं का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। किसी एक कर्मचारी पर रजिस्ट्रार का इतना मेहरबान होना, किसी के गले नहीं उतर रहा।
मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल में नया विवाद गहरा गया है। यह विवाद कौंसिल रजिस्ट्रार अनिता चांद द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य आवंटन के आदेश को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक, रजिस्ट्रार अनिता चांद द्वारा 21 अक्तूबर 2024 को कौंसिल के आदेश पत्र क्रमांक /म.प्र.न.रजि.कौ. /2024/16594 जारी किया गया है। इस आदेश द्वारा उनके रजिस्ट्रार नियुक्त होने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों का यह पहला कार्य आवंटन है।
सबका मालिक एक
आदेश में 22 शाखाएं हैं, जो कौंसिल को नियोजित रूप से संचालित करती है। इन्हीं 22 शाखाओं में से 16 शाखाओं में सीधे तौर पर एक कर्मचारी मनमोहन माथुर को प्रभारी बनाया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि किस तरह से रजिस्ट्रार द्वारा एक कर्मचारी पर इतनी मेहरबानी की गई है। जबकि प्रभारी अधिकारी बनाए जाने वाला मनमोहन माथुर आउटसोर्स कंपनी का कर्मचारी है, जिसका कौंसिल कर्मचारी होने का सीधा-सीधा कोई वास्ता नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या कारण है कि रजिस्ट्रार अनिता चांद ने कौंसिल की प्रमुख शाखाओं का प्रभारी अधिकारी एक आउटसोर्स कर्मचारी को बनाया है। इस सवाल का जवाब आने वाले समय में रजिस्ट्रार को सरकार और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देना भारी पड़ सकता है।
दोषी ने दोषी को इनाम दिया
रजिस्ट्रार अनिता चांद खुद इस बात की दोषी है कि उन्होंने निरीक्षण टीम में रहते हुए राजधानी के नर्सिंग कॉलेजों को अनफिट होने के बाद भी फिट होना बताया था। जो कि सीबीआई जांच में अनफिट ही पाए गए हैं। ऐसे ही आउटसोर्स कर्मचारी मनमोहन माथुर के खिलाफ भी शिकायतों का एक अंबार है। ऐसे में एक दोषी ने दूसरे दोषी पर कार्रवाई न करके प्रभारी अधिकारी बनाकर इनाम दिया है।



