रायपुर के आसमान में गूंजेगा वायुसेना का शौर्य, राज्योत्सव पर होगा सूर्यकिरण एयर शो

बिगुल
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर राजधानी रायपुर देशभक्ति और उत्साह के रंगों में रंगने को तैयार है. इस बार का राज्योत्सव बेहद खास रहेगा, क्योंकि पहली बार भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम और आकाश गंगा पैराट्रूपर टीम रायपुर के आसमान में अपने अद्भुत करतब दिखाने जा रही है.
यह एतिहासिक एयर शो 5 नवंबर को नवा रायपुर स्थित सेंध तालाब के ऊपर आयोजित होगा, जहां हजारों दर्शक वायुसेना के शौर्य और तिरंगे की लहराती छटा का रोमांचक नज़ारा देखेंगे. सुबह 10 बजे से शुरू होने वाले इस शो की तैयारियों के लिए आगरा के पैराट्रूपर ट्रेनिंग स्कूल से आए विशेषज्ञ ने स्थल का निरीक्षण कर सभी तकनीकी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया है.
प्रधानमंत्री ने किया पांच दिवसीय रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ
रजत जयंती वर्ष के पांच दिवसीय उत्सव का शुभारंभ 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जबकि समापन 5 नवंबर को उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन करेंगे. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें समारोह में आमंत्रित किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.
सोमवार को आठ सदस्यीय विशेषज्ञ टीम रायपुर पहुंचेगी. इससे पहले रविवार को संभागायुक्त महादेव कावरे, आईजी अमरेश मिश्रा, कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने स्थल निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया.
वायुसेना की सूर्य किरण टीम करेंगी रिहर्सल
वायुसेना की सूर्य किरण टीम के नौ फाइटर जेट्स 4 नवंबर को रिहर्सल करेंगे और 5 नवंबर की सुबह मुख्य कार्यक्रम में लगभग 40 मिनट तक लगातार आसमान में बॉम्ब बर्स्ट, हार्ट-इन-द-स्काई और एरोहेड जैसे अद्भुत फॉर्मेशन बनाकर दर्शकों को रोमांचित करेंगे. लाल और सफेद रंगों में सजे हॉक एयरक्राफ्ट्स के उड़ान भरते ही रायपुर का आसमान देशभक्ति की गूंज से भर उठेगा.
एयर शो का सबसे रोमांचक पल होगा आकाश गंगा पैराट्रूपर टीम का प्रदर्शन, जिसमें जांबाज़ जवान 10 हजार फीट की ऊंचाई से फ्री फॉल जंप करेंगे. ये एक ऐसी तकनीक है जिसमें पैराशूट एक निश्चित ऊंचाई पर खुद खोला जाता है. यह वही तकनीक है जिसका उपयोग दुनिया की विशेष सैन्य टुकड़ियां गुप्त अभियानों में करती हैं. भारतीय वायुसेना के पैराट्रूपर्स इस कला में विश्वस्तरीय दक्षता रखते हैं.
राज्योत्सव का यह भव्य आयोजन नई पीढ़ी को भारतीय वायुसेना की वीरता, तकनीकी क्षमता और देशभक्ति की भावना से परिचित कराने का माध्यम बनेगा. रायपुर का आसमान 5 नवंबर को साहस, गौरव और राष्ट्रीय गर्व की अद्भुत मिसाल पेश करेगा.



