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बलौदाबाजार और सुकमा में मिड डे मील में लापरवाही, हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मुख्य सचिव ने जारी किया प्रोटोकाल

बिगुल
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बच्चों के लिए चल रहे मध्याह्न भोजन (Midday Meal) कार्यक्रम की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में बलौदाबाजार (Balodabazar) और सुकमा (Sukma) में सामने आई घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। दोनों मामलों में लापरवाही इतनी गंभीर थी कि बच्चों की जान पर बन सकती थी।

बलौदाबाजार-भाटापारा (Balodabazar-Bhatapara) जिले के पलारी विकासखंड के ग्राम लछनपुर स्थित मिडिल स्कूल में एक घुमंतू कुत्ते ने बच्चों के लिए बनी सब्जी जूठी कर दी। इसे देखते हुए बच्चों ने शिक्षकों को सूचना दी।

शिक्षकों ने रसोइयों को वह सब्जी न परोसने का निर्देश दिया, लेकिन महिलाओं ने इनकार करते हुए जबरन 84 बच्चों को वही सब्जी परोस दी। इसके बाद 78 बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र में एंटी-रेबीज (Anti-Rabies) का टीका लगाना पड़ा।

सुकमा में फिनाइल मिली सब्जी

सुकमा (Sukma) जिले के पाकेला आवासीय पोटाकेबिन स्कूल में 21 अगस्त 2025 को 426 बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। रात के खाने में बनी बींस की सब्जी में फिनाइल (Phenyl) मिला पाया गया। गंध आने से मामला समय रहते पकड़ में आ गया, वरना सभी छात्रों की जान पर बन सकती थी। घटना की जांच के लिए एसडीएम (SDM), डीएमसी (DMC) और एपीसी (APC) की टीम बनाई गई।

मानकापाल आश्रम में नमक-चावल परोसा गया
इसी जिले के मानकापाल बालक आश्रम में छात्रों को सिर्फ नमक और चावल परोसने का मामला सामने आया। जांच में आरोप सही पाए गए और जिम्मेदार अधीक्षक जयप्रकाश बघेल को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया।

हाईकोर्ट का सख्त निर्देश
इन घटनाओं पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने संज्ञान लिया। 17 सितंबर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए साफ कहा कि थोड़ी भी लापरवाही बच्चों की जान के लिए खतरनाक हो सकती है।

अदालत ने चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया कि स्कूलों, छात्रावासों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन तैयार करने और परोसने वाले सभी हितधारकों को सुरक्षा संबंधी प्रोटोकाल जारी किए जाएं।

चीफ सेक्रेटरी ने जारी किया खाद्य सुरक्षा प्रोटोकाल

हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद चीफ सेक्रेटरी ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कलेक्टरों (Collectors), एसपी (SP) और सभी विभागाध्यक्षों को पत्र जारी किया है। इसमें साफ कहा गया है कि भोजन स्वच्छ और स्वास्थ्यकर तरीके से तैयार होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह के रसायन, जानवरों की गंदगी या अस्वच्छता नहीं होनी चाहिए। आदेश का पालन न करने पर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

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