Blog

23 हजार में बीमारी का ईलाज किया, आपरेशन बिगडा तो दो लग गए दो लाख, झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक, मरीजों की जिंदगी से कर रहे खिलवाड़

बिगुल

बलरामपुर. रामानुजगंज जिले में झोला छाप डॉक्टरों की कमी नहीं है. हर गांव में झोलाछाप डॉक्टर है लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से वे मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहें हैं. बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर इलाके में एक मेडिकल संचालक ने ही एक महिला के पाइल्स बीमारी का ऑपरेशन कर दिया और महिला की हालत बिगड़ गई तो उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसकी वजह से महिला को 2 लाख से अधिक रुपए अपने इलाज में खर्च करने पड़े और गलत इलाज की वजह से महिला अब भी बिस्तर में है.

बलरामपुर जिले के हरिगवा गांव निवासी सावित्री साहू पाइल्स की बीमारी से परेशान थी. वह कुछ महीने पहले अपने पड़ोसी गांव पंडरी पहुंची जहां स्थित गुप्ता मेडिकल हॉल के संचालक राजू प्रसाद गुप्ता ने उसे कहा कि वह उसका ऑपरेशन कर देगा और वह ठीक हो जाएगी. महिला, मेडिकल संचालक के झांसी में आ गई और दूसरे दिन सुबह अपने पति के साथ ऑपरेशन करने के लिए मेडिकल दुकान पहुंची, जहां उससे 23 हजार रुपये लेकर मेडिकल संचालक ने कोई एनेस्थीसिया दिए बिना ही ऑपरेशन शुरू कर दिया. इसके बाद महिला को वापस घर भेज दिया लेकिन महिला की हालत लगातार बिगड़ती गई.

इसके बाद जब महिला बेहद कमजोर हो गई तो उसे मल्टीविटामिन का सलाइन चढ़ाया गया, इससे हालात और भी बिगड़ गई. इसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस के माध्यम से उसे अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया जहां दो लाख और इलाज में खर्च हो गए तब जाकर कहीं महिला की जान बच सकी है लेकिन महिला अब भी अपने घर में बिस्तर पर ही पड़ी हुई है.

इस पूरे मामले के शिकायत पुलिस से की गई है और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत मिलने के साथ ही जांच शुरू कर दी है हालांकि अब तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मेडिकल संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और न ही मेडिकल संचालक के खिलाफ ड्रग्स डिपार्टमेंट ने कोई एक्शन लिया है बता दें कि बलरामपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था की वजह से झोलाछाप डॉक्टर ही मेडिकल दुकान संचालित कर रहे हैं और उनके द्वारा ही लोगों का इलाज किया जा रहा है.

झोला छाप डॉक्टरों और अवैध मेडिकल संचालकों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग व ड्रग्स डिपार्टमेंट के अधिकारी और कर्मचारियों को भी है लेकिन उनके द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है. कई अवैध मेडिकल दुकान संचालक और झोलाछाप डॉक्टरों की सेटिंग इन अधिकारी कर्मचारियों से है. यही वजह है कि कई बार शिकायतों को भी जिम्मेदारों के द्वारा अनदेखा किया जाता रहा है और ऐसी घटनाएं हो रही हैं. वहीं अब बरसात का मौसम शुरू हो गया है ऐसे में बलरामपुर जिले के अलग-अलग इलाकों में साफ पेयजल के अभाव में मौसमी बीमारी भी तेजी से फैलती हैं और लोग मौसमी बीमारियों का इलाज करने के लिए भी झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाते हैं क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है.

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button