प्रकृति का आनंद या जोखिम का खेल? सागर का राजघाट बना आकर्षण का केंद्र, लापरवाही पड़ सकती है भारी

बिगुल
मध्य प्रदेश के सागर जिले में राजघाट बांध के ओवरफ्लो होने के बाद बेबस नदी पूरे शबाब पर है, जिसे देखने के लिए रविवार को बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। हालांकि, कई लोग सेल्फी और फोटोग्राफी के चक्कर में जान जोखिम में डालते नजर आए।
बारिश के मौसम में सागरवासियों को जिस पल का बेसब्री से इंतजार होता है, वह आखिरकार आ ही गया। राजघाट बांध ओवरफ्लो हो गया है और इससे बेबस नदी अपने शबाब पर बहने लगी है। रविवार को बड़ी संख्या में लोग इस मनमोहक नजा रे का लुत्फ उठाने पहुंचे। परिवारों, युवाओं और बच्चों ने यहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही ने चिंता भी बढ़ा दी।
भीड़ में कई लोग सेल्फी और फोटोग्राफी के चक्कर में बहते पानी के पास तक पहुंच गए। कुछ लोग नदी की धार में खड़े होकर तस्वीरें खींचते नजर आए, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके बावजूद मौके पर किसी भी प्रकार की रोक-टोक या सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखी। न नगर निगम और न ही पुलिस की ओर से कोई निगरानी की व्यवस्था की गई थी, जिससे हादसे की आशंका बनी रही।
राजघाट बांध से सागर शहर, मकरोनिया, कैंट एरिया और आर्मी क्षेत्र तक पानी की आपूर्ति होती है। इसलिए बेबस नदी को सागर की ‘जीवनदायिनी’ कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह स्थान सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।
इस योजना के तहत करीब 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसमें रिजॉर्ट, वॉटर स्पोर्ट्स और अन्य पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही यहां सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करे, ताकि लोगों की जान जोखिम में न पड़े और वे सुरक्षित तरीके से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें।



