ब्रेकिंग : आदर्श स्कूल मोवा में नया विवाद, हिंदू धार्मिक प्रतीकों पर प्रतिबंध का आरोप, पूर्व पार्षद ने प्रिंसिपल पर लगाए गंभीर आरोप, स्कूल प्रबंधन की चुप्पी विवादों को जन्म दे रही

बिगुल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मोवा में स्थित आदर्श स्कूल में हिंदू विद्यार्थियों को बिंदी, कलावा (रक्षा सूत्र), और चूड़ी जैसे धार्मिक प्रतीक धारण करने से कथित तौर पर रोके जाने का मामला सामने आया है, जिसने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
पूर्व पार्षद विशवदिनी पांडे ने स्कूल प्रशासन और प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
छात्रों को धमकाने और धमकाने का आरोप
पूर्व पार्षद विशवदिनी पांडे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों ने संपर्क किया और बताया कि लड़कियों को बिंदी लगाने और चूड़ी पहनने से मना किया जा रहा है, जबकि लड़कों को हाथ में कलावा बांधने की अनुमति नहीं है।
पांडे ने आरोप लगाया कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ बच्चों के हाथों से कलावा हटाने के लिए कैंची तक लाई गई और बच्चों को धमकाया गया कि यदि उन्होंने कलावा नहीं हटाया तो उनके हाथ काट दिए जाएंगे।
प्रिंसिपल ने किया इनकार, शिक्षिका ने स्वीकारा
पांडे ने बताया कि जब वह अभिभावकों के साथ स्कूल प्रिंसिपल से मिलीं और इस संबंध में पूछा, तो प्रिंसिपल ने आरोपों से साफ इनकार कर दिया। हालांकि, एक अन्य शिक्षिका ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने ही ऐसा बोला था।
पहले भी तुगलकी फरमान जारी करने का आरोप
विशवदिनी पांडे ने यह भी खुलासा किया कि यह पहला मौका नहीं है जब स्कूल विवादों में आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में भी इसी प्रिंसिपल ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए बकरीद के दिन सभी छात्रों को एक ही तरह की ड्रेस (हरि ड्रेस) पहनकर आने का निर्देश दिया था। साथ ही, राष्ट्रगान न गाने जैसा फरमान भी जारी किया गया था। तब भी विरोध के बाद प्रिंसिपल ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।
आंदोलन की चेतावनी और पुलिस में शिकायत
पांडे ने कहा कि अब जब बच्चों को हाथ काटने की धमकी दी जा रही है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने और अन्य अभिभावकों ने मांग की है कि स्कूल की प्रिंसिपल को तुरंत हटाया जाए और स्टाफ को बदला जाए। उन्होंने स्कूल पर इस्लामीकरण और ईसाईकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
इस संबंध में अभिभावकों और पूर्व पार्षद ने पुलिस थाने में आवेदन दिया है। पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है। मामले की जानकारी मिलते ही सीएसपी, डीएसपी, टीआई और पुलिस बल पहुंचा तथा स्कूल को हिदायत दी कि मामले को लेकर अभिभावक बार बार उद्वेलित क्यों हो रहे हैं।
विशवदिनी पांडे ने यह भी दावा किया कि स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों को धमकाया जा रहा है कि अगर वे शिकायत करेंगे तो उनके इंटरनल मार्क्स कम कर दिए जाएंगे।
 
				
 
					 
						


