15 साल से तरस रहे ग्रामीणों को मिलेगा पक्का पुल, पहले देशी जुगाड़ से बनाने को थे मजबूर
बिगुल
कांकेर में खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. 15 सालों से मांग करते थक चुके ग्रामीणों को अब इस वर्ष देशी जुगाड़ का इकोफ्रेंडली पुल नहीं बनाना पड़ेगा. क्योंकि सिस्टम से नाराज ग्रामीणों के देशी जुगाड़ के पुल की जगह अब उन्हें नया पक्का पुल मिलने जा रहा है.
देशी जुगाड़ से पुल बनाने को मजबूर थे ग्रामीण
जिला मुख्यालय कांकेर से ग्राम पंचायत परवी की दूरी लगभग 70 किलोमीटर होगी. यहाँ के ग्रामीण हरवर्ष भुरका नाला में अपने आने जाने के लिए पुल का निर्माण करते थे. सरकार और प्रशासन से नाराज यह ग्रामीण इस पुल को बांस, बल्ली और पत्थरों से तैयार किया जाता था. 4 पिल्हर वाले इस इकोफ्रेंडली पुल को बारिश की शुरुआत के पहले 3 गांव के ग्रामीणों द्वारा हर वर्ष तैयार किया जाता था.
ग्रामीणों की इस समस्या और देशी जुगाड़ की खबर अगस्त 2024 में प्रमुखता से दिखाई थी. खबर की आवाज जब प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के कानों तक पहुंची तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और आज यहां 3 करोड़ से भी अधिक की लागत से पक्का पुल बनकर तैयार हो रहा है. जो कि 10-15 दिनों में ग्रामीणों के आवागमन का एक सुगम माध्यम होगा.
15 साल से तरस रहे ग्रामीणों को मिला पक्का पुल
ग्राम पंचायत परवी के सरपंच से जब रास्ते में मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि इस नाला से आनेजाने वालो की संख्या बहुत है. क्योंकि ग्राम पंचायत तक पहुंचना भी इस नाले को पार कर जाना पड़ता था. राशन लाना, किसी तबियत खराब होने ओर आने जाने में भी बेहद तकलीफ होती थी. मोटरसाइकल सहित अन्य सामान को कंधे पर डालकर लेकर आना जाना पड़ता था. बारिश के 4 महीने उनके लिए किसी मुसीबत से कम नहीं थे. मांग बहुत की गई लेकिन सभी ने अनसुना कर दिया.