प्रशिक्षु आइएएस सेवा से बर्खास्त, धोखाधड़ी समेत कई बड़े आरोपों पर केंद्र का एक्शन, जानिए क्यों हुई यह कार्यवाही
बिगुल
कभी अपने शानौ-शौकत और एशोआराम की जिंदगी और कार्यालय की मांग के लिए चर्चा में रही पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी करने और सेवा में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांगता कोटा लाभ का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप है।
केंद्र सरकार ने विवादों में रही पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी करने और सेवा में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांगता कोटा लाभ का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप है।
मामले में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूर्व परिवीक्षाधीन सिविल अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से बर्खास्त कर दिया है। केंद्र सरकार ने 6 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत आईएएस (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया।
केंद्र सरकार करती है सेवा को बर्खास्त
नियमों के अनुसार केंद्र सरकार परिवीक्षाधीनों को सेवा से बर्खास्त कर सकती है, यदि वे पुनः परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल रहते हैं या यदि केंद्र सरकार को लगता है कि परिवीक्षाधीन सेवा में भर्ती के लिए अयोग्य था या सेवा का सदस्य होने के लिए अनुपयुक्त है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था।
पूजा खेडकर ने सभी आरोपों से किया इनकार
वहीं इससे पहले इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह एम्स में अपनी चिकित्सीय जांच कराने की इच्छुक हैं, क्योंकि पुलिस ने दावा किया है कि उनका एक विकलांगता प्रमाण पत्र जाली और मनगढ़ंत हो सकता है।
पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पर क्या हैं आरोप
पूजा खेडकर ने आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में कथित तौर पर जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। वहीं 31 जुलाई को, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से रोक दिया। पूजा खेडकर अपने कैडर राज्य महाराष्ट्र में परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं।