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पीएम मोदी और आरएसएस पर विवादित कार्टून बना मुसीबत, कोर्ट ने ठुकराई अग्रिम जमानत

बिगुल
आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित कार्टून साझा करने वाले कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। जस्टिस सुभाष अभ्यंकर की एकल पीठ ने माना कि यह मामला “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” की सीमाएं लांघता है और आरोपी की पुलिस कस्टडी में पूछताछ जरूरी है।

मालवीय की ओर से अदालत में यह तर्क दिया गया कि उन्होंने यह कार्टून महज हास्य-व्यंग्य के उद्देश्य से अपने फेसबुक पेज पर साझा किया था। हालांकि कोर्ट ने इसे सार्वजनिक सौहार्द्र को प्रभावित करने वाला मानते हुए कहा कि इस तरह की पोस्ट समाज में शांति भंग कर सकती हैं और गिरफ्तारी धारा 41(1)(b) CrPC के अंतर्गत उचित ठहराई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के ‘अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य’ फैसले का लाभ भी याचिकाकर्ता को नहीं दिया गया।

कार्टून की सामग्री और कोर्ट की आपत्ति
विवादित कार्टून में आरएसएस को उसकी पारंपरिक वर्दी (खाकी हाफ पैंट और सफेद शर्ट) में मानव रूप में दर्शाया गया था, जो झुककर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने खड़ा है। पीएम मोदी को स्टेथोस्कोप और इंजेक्शन के साथ दिखाया गया, जो वह आरएसएस के पीछे लगा रहे हैं। इसके साथ ही भगवान शिव पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी जोड़कर पोस्ट को अधिक अपमानजनक बना दिया गया था। कोर्ट ने इसे दुर्भावनापूर्ण प्रयास मानते हुए कहा कि यह धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में अशांति फैलाने के उद्देश्य से किया गया प्रतीत होता है।

शिकायतकर्ता बोले, यह जानबूझकर की गई हरकत
शिकायतकर्ता विनय जोशी, जो स्वयं एक अधिवक्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि वह निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे, तभी उन्होंने फेसबुक पर हेमंत मालवीय की प्रोफाइल देखी, जहां यह कार्टून पोस्ट किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सामग्री जानबूझकर आरएसएस और हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से साझा की गई है। साथ ही प्रधानमंत्री और भगवान शिव पर की गई टिप्पणियों को समाज में तनाव फैलाने वाला बताया।

पहले भी दर्ज हो चुके हैं मामले
हेमंत मालवीय के खिलाफ इससे पहले हरिद्वार के कनखल थाने में बाबा रामदेव ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी की मां के निधन पर मालवीय द्वारा की गई एक पोस्ट को लेकर भी आपत्ति जताई गई थी। उस समय भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा द्वारा थाने में शिकायत की गई थी, जिसके बाद मालवीय पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

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