निलंबित आइएएस रानू साहू को जमानत मिली तो दूसरा केस दर्ज, सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू और दीपेश को दी जमानत

बिगुल
रायपुर. निलंबित आइएएस रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से आज जमानत मिल गई लेकिन दूसरा केस दर्ज कर लिया गया. छत्तीसगढ़ कोयला परिवहन लेवी घोटाला मामले में एसीबी और ईओडब्ल्यू ने एक बार फिर से तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है.
इसमें निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर बिश्नोई और निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है. इन सभी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है. तीनों आरोपियो के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. जिसमें सौम्या चौरसिया और परिवार के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति होने की पुष्टि की है. वर्ष 2021 से 2022 के बीच करोड़ों की संपत्ति खरीदी गई है.
निलंबित आइएएस रानू साहू पर वर्ष 2015 से 2022 तक करीब 4 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति स्वयं के नाम से और पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदने का आरोप है. जबकि उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक का कुल वेतन 92 लाख रुपये बताया गया है. निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई का वर्ष 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपये करीब इस अवधि में ही उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति गोधरा के नाम से 5 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्ति क्रय की है. जो कि उनके वेतन से 500 गुना अधिक है.



