छत्तीसघाट

1200 स्वास्थ्य कर्मचारियों की गई नौकरी , कलेक्टरों ने किया बर्खास्त,कर रहे थे हड़ताल…

बिगुल

रायपुर :- तीन जिलों के कलेक्टरों ने कल एस्मा लगने के बाद ड्यूटी पर न लौटने वाले करीब 1200 स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें कोरबा में 337, जगदलपुर में 269, कांकेर में 568 शामिल हैं। आज कुछ और जिलों में आदेश जारी होने के संकेत हैं । वहीं स्वास्थ्य कर्मचारी शनिवार को 13 वें दिन भी हड़ताल पर रहेंगे। दूसरी ओर कलेक्टरों के आदेशों का विरोध तेज हो रहा है । कर्मचारी नेताओं ने इसे सरकार का दमन कहते हुए चुनाव में देख लेने की चेतावनी भी दी है।

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांत अध्यक्ष, संरक्षक पीआर यादव ने कहा कि हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों की बर्खास्तगी हिटलरशाही है। इसका संघ कटु शब्दों में निंदा करते हुए राज्य शासन से मांग करता है कि बर्खास्तगी आदेश तत्काल वापस लिया जाए और हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनकी मांगों पर लोकतांत्रिक तरीके से निराकरण किया जाए। यह कार्यवाही 35 वर्ष पूर्व सुश्री जयललिता तत्कालीन मुख्यमंत्री तमिलनाडु के उसे बरबर कार्यवाही की याद दिलाती है जिन्होंने तमिलनाडु के हड़ताली चार लाख कर्मचारियों को निलंबित/ बर्खास्त की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ पूरे देश के राज्य के कर्मचारियों ने तब आंदोलन कर तमिलनाडु के बर्खास्त कर्मचारियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित किए थे और तमिलनाडु सरकार को अपने निर्णय वापस लेने के लिए बाध्य किया गया था।

यादव ने कहा कि तमिलनाडु के कर्मचारियों की हड़ताल का इतना असर हुआ कि जयललिता की एआईडीएमके विधानसभा चुनाव बुरी तरह हार गई थी। लोकतंत्र में तानाशाही के लिए कोई स्थान नहीं है। हड़ताली कर्मचारी अपने ट्रेड यूनियन अधिकारों के अंतर्गत अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर गांधीवादी तरीके से चिरनिद्रा में सो रहे स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन को जागने का प्रयास किया। कर्मचारियों पर हमला प्रदेश के कर्मचारियों को स्वीकार नहीं होना चाहिए और इसके विरुद्ध सोमवार से सभी जिला तहसील मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन कर कलेक्टरों का पुतला दहन कर हड़ताली कर्मचारियों के साथ एकजुटता का संदेश देना हमारी नैतिक दायित्व है।

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button