अक्षय तृतीया धन की देवी मां लक्ष्मी से जुड़ा पर्व है. आज शुभ चीजों की खरीदारी करने पर धन लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बरकत आती है. धन की कमी नहीं होती. शास्त्रों, पुराणों तमाम ग्रंथों के साथ चाणक्य नीति में भी धन का विशेष महत्व बताया गया है.
धन प्राप्ति और धनवान बनने को लेकर चाणक्य ने अपनी अमूल्य बातों का नीति ग्रंथ में विस्तार से वर्णन किया है, जिनका अमल करने वाले कभी कंगाल नहीं होते.
धन पर चाणक्य नीति
धन की रक्षा के लिए अपनी कमाई को खर्च करना जरुरी है. खर्च से तात्पर्य है दान-धर्म के कामों में खर्चा क्योंकि दान से धन कम नहीं होता बल्कि दोगुना बढ़ता है. इसके अलावा इनवेस्टमेंट करना भी जरुरी है ताकि भविष्य में कभी किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े.
जिस तरह धर्म के काम में धन का उपयोग करने पर कभी न खत्म होने वाला सुख मिलता है उसी प्रकार मुश्किल समय के लिए धन की बचत, निवेश के तौर पर की जाती है ताकि जीवन में पैसों की किल्लत न हो.
ऐसा धन देगा जीवनभर का सुख
धन हमेशा सही, नैतिक तरीके से कमाया हो तो वो लंबे समय तक व्यक्ति के साथ रहता है. चाणक्य कहते हैं भले की कमाई कम हो लेकिन मेहनत की हो तो उसका फल न सिर्फ खुद बल्कि परिवार को भी मिलता है. आज के दौर में सुख-शांति बेहद जरुरी है.
ये ठीक उसी तरह है जैसे झूठ की उम्र लंबी नहीं होती वह जल्द सामने आ जाता है वैसे ही अनैतिक कार्य से कमाई करने वालों की पोल जल्द खुल जाती है जो खुद तो डूबते हैं परिवार को भी ले डूबते हैं. इसलिए मेहनत और ईमानदारी से धन कमाएं.