आखिरी चरण में आज सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की कुल 57 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। चार जून को मतणना होगी। आखिरी चरण में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी परीक्षा है, क्योंकि 2019 में इन 57 में से सिर्फ 26 सीटों पर ही वह जीत दर्जकर पाई थी।
कांग्रेस ने आठ, तृणमूल कांग्रेस ने नौ और बीजू जनता दल ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। बहुजन समाज पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, अपना दल शिरोमणि अकाली दल को दो-दो सीटों पर जीत मिली थी। आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक-एक सीट पर कब्जा जमाने में सफल रही। हालांकि एनडीए के तौर पर कुल 32 सीटों पर जीत मिली थी।
उत्तर प्रदेश: नौ सीटों पर जीती थी भाजपा
सातवें चरण में उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान है। 2019 में नौ सीटों पर भाजपा, दो सीटों पर अपना दल और बसपा ने भी दो सीटों पर चुनाव जीता था। इस चरण की महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, बांसगांव, देवरिया, सलेमपुर, बलिया, चंदौली औरवाराणसी सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। मीरजापुर और रॉबर्ट्सगंज सीट पर भाजपा के सहयोगी अपना दल का कब्जा है। वहीं गाजीपुर और घोसी सीट पर बसपा ने जीत दर्ज की थी।
पंजाब: आठ सीटों पर कांग्रेस ने जमाया था कब्जा
आखिरी चरण में पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर मतदान है। 2019 में आठ सीटों पर कांग्रेस, एक सीट पर आप, भाजपा और अकाली दल ने दो-दो सीटों पर कब्जा किया था। श्री आनंदपुर साहिब, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, खडूर साहिब, लुधियाना और पटियाला में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। आम आदमी पार्टी सिर्फ संगरूर सीट पर ही कब्जा जमा सकी थी। बठिंडा और फिरोजपुर सीट शिअद के खाते में गई थी। भाजपा ने होशियारपुर और गुरदासपुर सीट अपने नाम की थी।
बिहार: प्रदर्शन दोहराने की चुनौती
इस चरण में बिहार की आठ सीटों पर मतदान है। 2019 में इनमें से छह सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर जेडीयू ने जीत दर्ज की थी। पटना साहिब सीट पर 2009 से भाजपा का कब्जा है। नालंदा सीट पर भाजपा की सहयोगी जेडीयू 2004 से लगातार जीत रही है।
2009 में अस्तित्व में आई पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर पहली बार जेडीयू ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014 और 2019 में भाजपा के राम कृपाल यादव ने दो बार जीत दर्ज की। इस बार तीसरी बार मैदान में हैं। सासाराम, आरा और बक्सर सीट पर 10 साल से भाजपा का कब्जा है। काराकाट में 2014 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और 2019 में जेडीयू ने जीत दर्ज की थी। जहानाबाद में 2019 में जेडीयू ने जीत दर्ज की थी।
हिमाचल प्रदेश: क्या तीसरी बार क्लीन स्वीप कर पाएगी भाजपा?
हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीट कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला में मतदान है। भाजपा ने 2014 और 2019 में इन सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया था। 2009 में कांग्रेस सिर्फ मंडी सीट पर ही जीत दर्जकर सकी थी।
झारखंड: गोड्डा, दुमका और राजमहल पर निगाहें
झारखंड में राजमहल, दुमका और गोड्डा लोकसभा सीट पर मतदान है। दुमका सीट पर 2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा था। वहीं 2019 में सुनील सोरेन ने कमल खिलाया था। गोड्डा सीट पर 2009 से भाजपा के निशिकांत दुबे का कब्जा है। इस बार वे चौथी बार मैदान में हैं। राजमहल सीट पर पिछले 10 साल से जेएमएम का कब्जा है।
ओडिशा: बीजू जनता दल की असली परीक्षा
ओडिशा में आखिरी चरण में मयूरभंज, बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर सीट पर मतदान है। 2019 में इनमें से दो सीटों मयूरभंज और बालासोर में भाजपा। वहीं भद्रक, जाजपुर, केंद्रपारा और जगतसिंहपुर में बीजू जनता दल ने फतेह हासिल की थी।
पश्चिम बंगाल: क्या गढ़ बचा पाएंगी ममता?
आखिर चरण में पश्चिम बंगाल की जिन नौ लोकसभा सीटों पर चुनाव है, 2019 में इन सभी सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में टीएमसी के सामने अपने प्रदर्शन को दोहराने और भाजपा के सामने ममता के गढ़ में सेंध लगाने की चुनौती है।
चंडीगढ़: 10 साल से भाजपा का कब्जा
चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा की टिकट पर अभिनेत्री किरण खेर 2014 और 2019 में दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। इस बार संजय टंडन पर भाजपा ने दांव खेला है। कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री और श्री आनंदपुर साहिब सीट से सांसद मनीष तिवारी मैदान में हैं।