राजधानी का ट्रेफिक बदतर हुआ, न पुलिस को सरोकार, न नेताओं की नजर, जयस्तंभ चौक शास्त्री चौक पर बेतरतीब जाम

बिगुल
रायपुर. वैसे तो प्रदेश की राजधानी और सबसे बड़े शहर रायपुर को स्मार्ट सिटी का तमगा मिल चुका हैं। लेकिन ट्रैफिक के मामले रायपुर कितना बदहाल हैं ये आपको इस रिपोर्ट में देखने को मिल जाएगा। फिर चाहे वह शहर के सबसे व्यस्ततम चौक जयस्तंभ का नजारा हो या फिर शास्त्री चौक हर जगह पर यातयात के बदहाली का आलम है।
कारोबारी जहां सड़कों पर दुकानें सजा रहे हैं तो ऑटो संचालक बीच सड़क पर ही सवारियां बिठा रहे हैं। बजबजाती ट्रैफिक सिस्टम का पालन खुद आम लोग भी नहीं कर रहे हैं यही वजह हैं कि सिग्नल के दौरान जहाँ वाहन चालकों को बायीं और जाना होता हैं उन्हें भी रेड सिग्नल के ग्रीन होने का इंतज़ार करना पड़ता हैं। इसकी वजह हैं यह कि रेड सिग्नल के दौरान पूरे लेन पर वाहन बेतरतीब ढंग से खड़े हो जाते हैं।
जयस्तंभ चौक पर बेतरतीब जाम
बात करें जयस्तंभ चौक की तो यहाँ सबसे ज्यादा बदहाली देखने को मिलती हैं। संकरे शारदा चौक सड़क से आने वाले वाहनों की मुश्किलें यहाँ भी ख़त्म होने का नाम नहीं लेती। यहाँ फूल चौक पर सिग्नल से निकलने के बाद अगर वाहन मौदहापारा की तरफ मुड़ना चाहे तो उन्हें ना चाहते हुए भी सिग्नल का इंतज़ार करना पड़ता हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं लेन पर पूरी तरह से वाहनों का कब्जा। यहाँ चारों तरफ से वाहनों की भरी आवाजाही होती हैं। रवि भवन, गोलबाजार और फिर शास्त्री चौक से आने वाले वाहनों की वजह से हर वक़्त यह जाम का नजारा आम हैं। बात करें ट्रैफिक जवानों की तो वे भी इस जगह पर बेबस नजर आते हैं। वे मात्र वाहनों को इशारा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं जबकि ऑटो और ई-रिक्शा चालक मनमाने तरीके से सवारियों का इंतज़ार कर अपना ऑटो घंटो खड़ा रखते हैं।
शास्त्री चौक पर बदहाली
इसी तरह के हालात शहर ही बही बल्कि राज्य के सबसे बड़े और व्यस्ततम शास्त्री चौक पर देखने को मिलती हैं। यहाँ कई महत्वपूर्ण दफ्तर मौजूद हैं। कोर्ट होने के साथ ही पास ही जिला कलेक्टर कार्यालय और डीकेएस अस्पताल भी मौजूद हैं लेकिन यहाँ भी यातायात नियमों के पालन से किसी को सरोकार नहीं है। (Raipur’s bad traffic system) पास पट्रोल पम्प हैं लेकिन उसके सामने भी ऑटो चाक यातायात नियमों की अनदेखी कर सवारियों का सड़कों पर ही इंतज़ार करते दिख जाते हैं। रेलवे की तरफ जाने वाले इस सड़क पर मेकाहारा चौक तक वाहनों की लम्बी कतार आम बात हैं।
पार्किंग पर अवैध दुकानें
कमोबेश यही हालात शहर के दूसरे चौक-चौराहो पर भी देखने को मिलता हैं। लेकिन यह तो सड़को की बात थी। बात करें सड़क किनारे पार्किंग व्यवस्था की तो यहाँ कारोबारियों ने पार्किंग स्थलों पर भी अवैध रूप से कब्जा कर रखा हैं। और यही कारण हैं कि खरीदारी करने आने वालों को अपनी गाड़ी सड़क पर ही पार्क करनी पड़ती हैं। हैरानी की बात यह हैं कि इन सड़कों से हर दिन मंत्रियों और बड़े अफसरों का आना-जाना होता हैं। वह खुद भी इस जाम में फंसते हैं, लेकिन किसी को भी इस समस्या को सुलझाने में किसी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं हैं देखें यह पूरी रिपोर्ट।



