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कैदी की जगह दूसरे कैदी को रिहा किया, रायपुर सेंट्रल जेल के अफसरों की लापरवाही

बिगुल
बलौदाबाजार. सेंट्रल जेल रायपुर में जिम्मेदार अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। छत्तीसगढ़ सरकार के इंकार के बाद भी उम्र कैद की सजा काट रहे एक बंदी को रिहा कर दिया गया। इसकी जानकारी होते ही जेल में हडक़ंप मचने पर आठ दिन बाद फिर उसे पकडक़र जेल में डाला गया।

रायपुर सेंट्रल जेल के जेलर अमित शांडिल्य ने बताया कि उम्रकैद के कैदी को त्रुटिपूर्वक रिहा कर दिया गया था। इसकी सूचना मिलते ही जेल प्रशासन ने तत्काल कैदी को जेल दाखिला करवा दिया है। इस घटनाक्रम की जांच की जा रही है। दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि बलौदाबाजार जिले के मड़वा गांव निवासी महावीर को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा हुई थी।

सजा की 14 साल की अवधि पूरी होने के बाद अच्छे आचरण के लिए छह साल की सजा माफी का प्रस्ताव रायपुर जेल ने सरकार को भेजा था, मगर सरकार ने सजा कम करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद भी जेल अधिकारियों ने 4 जून को महावीर को रिहा कर दिया। कैदियों के बीच ये बात फैलने लगी कि बंदी को बिना सरकार की अनुमति सजा माफी देते हुए रिहा कर दिया गया है।

इस पर जेल के अधिकारियों ने कुछ कर्मचारियों को महावीर के गांव मड़वा भेजा, उनके साथ आसपास के पूर्व में रिहा हुए कुछ बंदी भी थे। महावीर घर में मिल गया। उसे बताया गया कि जेल में एकाध कागजी औपचारिकता रह गई है, उसे पूरा कराकर तुम्हें छोड़ दिया जाएगा। जेल पहुंचने के बाद महावीर को फिर बैरक में डाल दिया गया।

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