Blog

शराब घोटाला’ मामले ने रायपुर के पूर्व मेयर एजाज की डूबा दी नैया, बुरी तरह हारे पार्षद चुनाव

बिगुल
रायपुर नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मतगणना संपन्न हो गई है। वहीं राजधानी के पूर्व मेयर एजाज ढेबर बुरी तरह से चुनाव हरे। प्रदेश में शराब घोटाले मामले ने रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर एजाज की नैया डूबा दी है। वे रायपुर नगर निगम से पार्षद का चुनाव बुरी तरह से हार गए हैं। बीजेपी की शानदार चुनावी रणनीति ने रंग लाई। बीजेपी ने शराब घोटाले के मामले को चुनाव में जोर-जोर से उठाया। इसे लेकर बीजेपी को सफलता भी मिली।

दरअसल, प्रदेश में शराब घोटाला मामले में पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर अभी जेल में है। इस मुद्दे को बीजेपी ने जोरों-शोरों से उठाया। जिसका नतीजा सामने आया है। बता दें कि कांग्रेस मेयर की टिकट कर एजाज को पार्षद का टिकट दिया था। मेयर होते हुए भी उन्होंने पार्षद की चुनाव नहीं जीत पाए। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मेयर एजाज के पत्नी को भी पार्षद के लिए चुनावी मैदान में उतरा था, उन्होंने जीत हासिल की है।

जानें क्या हैं दो हजार करोड़ का शराब घोटाला
ईडी की जांच के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस सरकार में उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था। छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। साल 2019-22 में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक काले धन की कमाई हुई। मनी लॉन्ड्रिंग मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा है। पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई। प्रति शराब मामले के आधार पर राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया। ईडी के मुताबिक, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली गई थी।

एफआईआर के मुताबिक अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से मिले रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया और त्रिपाठी ने अपनी पत्नी अपनी पत्नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म पर पैसे निवेश किया।

जनवरी 2024 में हुई थी एफआईआर
एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी के पत्र के आधार पर जनवरी 2024 में एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस और अन्य सरकारी ऑफिसर और लोग सहयोग किये थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस ऑफिसर हैं, जब घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी थे। वहीं अनवर ढेबर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई और शराब कारोबारी है।

Show More

The Bigul

हमारा आग्रह : एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं. कृपया हमारी आर्थिक मदद करें. आपका सहयोग 'द बिगुल' के लिए संजीवनी साबित होगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button