जंगली हाथियों का दल पहुंचा रहा फसलों को नुकसान, तीन दिन से रौंद रहे खड़ी फसल

बिगुल
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में मरवाही वन मंडल में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक बना हुआ है। एमसीबी जिले से आए 10 हाथियों का दल पिछले तीन दिनों से मरवाही वन क्षेत्र में उत्पात मचा रहा है। खेतों में खड़ी फसलों को रौंदने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाथियों का यह दल फिलहाल ढपनीपानी, श्रृंगारबहरा और भाटाटिकरा इलाके में मौजूद है। ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय हाथियों के झुंड के गांवों और खेतों के पास पहुंच जाने से लोग डर और दहशत में जी रहे हैं। खेतों में पककर तैयार हुई धान की फसलें इन हाथियों के निशाने पर हैं। इसके अलावा उड़द, सरसों और सब्जियों की बाड़ियाँ भी हाथियों ने बर्बाद कर दी हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के झुंड की गतिविधियों की जानकारी वन विभाग की ओर से समय पर नहीं दी जाती। न तो मुनादी की जा रही है और न ही चेतावनी। अचानक हाथियों के गांवों के पास पहुंच जाने से ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ता है। किसानों ने वन विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बार-बार सूचना देने के बावजूद विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचते। जनप्रतिनिधियों ने भी जताया आक्रोश हाथियों के बढ़ते उत्पात को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी वन विभाग के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि विभाग न तो फसल नुकसान का सही सर्वे कर रहा है और न ही मुआवजे की प्रक्रिया में तेजी दिखा रहा है।
जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। वन विभाग का कहना है कि मरवाही वन मंडल के अधिकारियों का कि विभाग लगातार मुनादी कर रहा है और जहां-जहां फसलें नष्ट हुई हैं, वहां नुकसान का प्रकरण तैयार किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखनी चाहिए। इस बीच, हाथियों के समूह का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक हाथी गांव के तालाब में नहाते हुए नजर आ रहा है। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मरवाही वन मंडल में हर साल फसल के मौसम में हाथियों की आमद होती है, लेकिन इस बार वन विभाग की सतर्कता में कमी के कारण नुकसान अधिक हुआ है। हाथियों के हमले से न केवल किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, बल्कि ग्रामीणों के बीच भय का माहौल भी गहराता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को जल्द ठोस कदम उठाकर मुआवजा और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में हाथियों के उत्पात से राहत मिल सके।



