कुबूलनामा : उत्तर छत्तीसगढ़ में घटेंगी कांग्रेस की सीटें, 14 में से 5-6 सीटें तक आ सकती हैं : टीएस सिंहदेव
बिगुल
रायपुर. विधानसभा चुनाव 2023 में उत्तर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सीटें घट सकती हैं। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि स्थिति अनुकूल नहीं हुई तो सीटें आधी भी हो सकती हैं। कांग्रेस ने समन्वय के साथ बेहतर प्रदर्शन किया तो 11 सीटें तक आ सकती हैं। सिंहदेव ने कहा कि वे स्वयं भी सर्वे करा रहे हैं। सरकार ने बेहतर काम किया है। लोगों में कांग्रेस से नाराजगी कम है। विधायकों की स्थिति अलग है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि कुछ विधानसभाओं में प्रत्याशी बदले जाने की मांग भी उठ रही है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। डिप्टी सीएम की मानें तो वर्ष 2023 के चुनाव में कांग्रेस पांच वर्ष पूर्व की स्थिति नहीं है। टीएस सिंहदेव पहले ही कुछ प्रत्याशी बदले जाने के संकेत दे चुके हैं।
सितंबर में अधिकांश सीटों पर होगी प्रत्याशी की घोषणा
ढाई महीने बाद नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए कांग्रेस भी सितंबर तक अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। सरगुजा संभाग में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति को लेकर डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने चर्चा के दौरान कहा कि लोगों के मन में यह है कि कांग्रेस की स्थिति अच्छी है। सरकार ने जिस तरह से काम किया है, लोगों में कांग्रेस से नाराजगी कम है।
कांग्रेस को स्वीकार कर रहे लोग
सिंहदेव ने कहा कि पूरे प्रदेश में सामान्य वातावरण अच्छा है। कांग्रेस से नाखुशी नहीं दिखती। कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के काम को लोग स्वीकार कर रहे हैं। थोड़ा कम-ज्यादा रहता है, लेकिन संतोषप्रद नंबर मिल रहे हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि मैं भी सर्वे करा रहा हूं। सर्वे में जो भी आंकड़े आ रहे हैं, वे इसी बात को दर्शा रहे हैं कि उम्मीद्वारों की स्थिति एक अलग है और कांग्रेस पार्टी की स्थिति अलग है। उसका सामंजस्य होगा तो परिणाम अच्छे आएंगे।
सरगुजा संभाग में 5-6 से 11 सीटें
सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा को लेकर डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि यहां 5-6 से लेकर 11 सीटें तक आ सकती हैं। आंकलन बहुत ज्यादा खराब हुआ और सब गड़बड़ रहा तो भी 5-6 सीटें कांग्रेस की आएंगी। खराब में भी स्थिति आधी-आधी की रहेगी। अच्छे से सब संतुलन बैठ गया तो 11 सीटों में कांग्रेस जीत दर्ज कर सकती है।
विधायक झेल रहे संगठन का विरोध
कांग्रेस के पौने पांच साल के कार्यकाल में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में उपेक्षित रहे कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने सीधे विधायकों के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है और कुछ विधानसभाओं में संगठन के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारों के आवेदन के दौरान भी यह विरोध खुलकर सामने आ गया। सामरी एवं बैकुंठपुर विधानसभाओं में पूरा संगठन ही विधायकों के खिलाफ खड़ा है। सामरी में चिंतामणी महाराज के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी सहित चारों ब्लाक अध्यक्षों में मोर्चा खोल दिया है।
टीएस सिंहदेव के राजपुर प्रवास के दौरान चिंतामणी को टिकट न दिए जाने की मांग सार्वजनिक रूप से सभी पदाधिकारियों ने कर दी। वहीं, बैकुंठपुर में विधायक अंबिका सिंहदेव के खिलाफ भी कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल रखा है। सभी ने सामूहिक रूप से ऐलान कर दिया है कि अंबिका सिंहदेव को टिकट मिला तो वे काम नहीं करेंगे। अन्य विधानसभाओं में कुछ विधायकों के कामकाज को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं कुछ लोग नाखुश हैं।
कांग्रेस के बिखराव से घट सकती हैं सीटें
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत में वर्तमान डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की अहम भूमिका मानी गई। वे चुनाव घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष भी थे। 2018 के चुनाव में सरगुजा संभाग में सिर्फ टीएस सिंहदेव के कारण सभी कार्यकर्ता कांग्रेस के लिए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरे थे। सरकार बनने के साढ़े चार साल तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व टीएस सिंहदेव के बीच की रार किसी से छिपी नहीं है।
इस दौरान कई विधायकों ने पाला बदल लिया। संभाग के संगठन में दशकों से सरगुजा राजपरिवार का कब्जा है। विधायकों ने पाला बदला तो अपनी ही सरकार में साढ़े चार साल तक कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपेक्षित रहे। तीन माह पहले टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद कांग्रेस एकजुटता का संदेश दे रही है, लेकिन धरातल पर अब भी स्थिति सामान्य नहीं है। इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा है।