मध्यप्रदेश

लोकायुक्त पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई,पीडब्ल्यूडी के इस यंत्री को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार …

बिगुल

मध्यप्रदेश :- कार्यपालन यंत्री ने एक ठेकेदार से ये पैसे लिए थे,जिसे वह लंबे समय से परेशान कर रहा था. ठेकेदार ने भिंड कलेक्टर के बंगले पर संधारण का काम किया था, जिसके बिल भुगतान के ऐवज में उससे 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी. भिंड जिले के कलेक्टर के बंगले पर ठेकेदार ने काम किया और फिर अपने द्वारा किए गए कार्य का बिल पास करवाने के लिए पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री की दहलीज पर पहुंचा, तो यहां कार्यपालन यंत्री ने बिल पास करने के एवज में 75000 रुपए की रिश्वत मांग ली.

परेशान ठेकेदार ने ₹55000 तो जैसे तैसे दे दिए लेकिन इसके बाद भी कार्यपालन यंत्री का पैसे का लालच कम नहीं हुआ. परेशान ठेकेदार ने कार्यपालन यंत्री को लोकायुक्त के हाथों पकड़वा दिया. यह पूरा घटनाक्रम ग्वालियर के मेला ग्राउंड की छतरी नंबर 15 पर घटित हुआ. दरअसल ग्वालियर के गौसपुरा इलाके में रहने वाले महेंद्र सिंह ने पिछले दिनों भिंड कलेक्टर के बंगले पर लाइट फिटिंग का कार्य किया था. ₹300000 के अपने बिल को पास करवाने के लिए जब महेंद्र सिंह ग्वालियर में पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता के पास पहुंचे तो यहां पीके गुप्ता ने 275000 का बिल पास किया, लेकिन उसके एवज में 75000 रिश्वत की मांग कर दी.

ठेकेदार महेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि बात 70000 में फाइनल हो गई और 55000 उन्होंने कार्यपालन यंत्री को दे भी दिए. इसके बाद कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता ₹15000 और मांगने लगे. परेशान महेंद्र सिंह ने इस बात की शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त में जाकर कर दी. लोकायुक्त की टीम ने महेंद्र सिंह को एक वॉइस रिकॉर्डर दिया और उसमें महेंद्र सिंह ने रिश्वत के लेनदेन की बातचीत रिकॉर्ड कर ली. वॉइस रिकॉर्डिंग हासिल होने के बाद लोकायुक्त टीम ने महेंद्र सिंह को रिश्वत के ₹15000 हाथों में देकर कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता के पास भेजा. ग्वालियर के मेला मैदान में स्थित छतरी नंबर 15 पर पीके गुप्ता से महेंद्र सिंह की मुलाकात हुई.

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