झलकियां : भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की मुख्य झलकियां जो आपको गुदगुदाएंगी..माथुर का भगवा जैकेट, मोदी ने क्यों खिसकाई टेबल, विजय शर्मा को किसने धकिआया, बृजमोहन को अजय चंद्राकर ने उठाया..और भी बहुत कुछ.
डॉ. अनिल द्विवेदी
रायपुर. छत्तीसगढ़ की लाखों उम्मीदों और सपनों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदेश के नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विज्ञान महाविद्यालय स्थित सभागृह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. श्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी शपथ ली. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री आयोजन के साक्षी बने.
जानिए मंच की मुख्य झलकियां जो आपको गुदगुदाएंगी :
पीएम नरेन्द्र मोदी पहुंचे तो एक बार फिर उन्होंने अपनी उदारता सहदयता का परिचय दिया. मोदी अपनी सीट पर पहुंचे तो देखा कि उनके सामने टेबल लगी है जबकि राज्यपाल के आगे नही. मोदी ने खुद होकर टेबल राज्यपाल के सामने सरकाने लगे. यह देखकर राज्यपाल झेंप गए. दोनों नेताओं ने टेबल को मिलकर राज्यपाल के सामने रखवा दिया. शायद मोदीजी ने प्रोटोकॉल का सम्मान किया.
शपथ ग्रहण समारोह में टी एस सिंहदेव और पूर्व सीएम भूपेश बघेल दोनों पहुंचे थे लेकिन बघेल आगे बैठे थे जबकि सिंहदेव पीछे बैठे रहे. पर दोनों में कोई बातचीत नही हुई.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री नितिन गडकरी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नडडा एक साथ मंच पर पहुंचे. इस दौरान श्री शाह दोनों नेताओं को बताते रहे कि देखो अपार जनसमूह है. दोनों दिग्गज नेता माहौल का जायजा लेते भी दिखे.
शपथ ग्रहण खत्म होने के बाद पीएम मोदी ने खुद ही सबको बुलाते हुए कहा कि आइए एक फोटो सेशन हो जाए. इसी दौरान राज्यपाल जाने लगे तो मोदी ने उन्हें हाथ पकड़कर रोका और फोटो सेशन कराया.
फोटो सेशन में मोदी के साथ राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय साथ थे. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मोदी के बाजू खड़े हो गए. इसी दौरान पीछे से उप मुख्यमंत्री अरूण साव आ गए और उन्होंने विजय शर्मा को बाजू में करते हुए खुद मोदी के पास खड़े हो गए. इस पर विजय शर्मा अवाक रह गए. खैर सबने मुस्कुराते हुए फोटो सेशन कराया.
शपथ ग्रहण खत्म होते ही पीएम मोदी ने जनता का घुटनों तक झुककर अभिवादन किया और हाथ हिलाते हुए मंच का चक्कर लगाया. पूर्व सीएम भूपेश बघेल को उन्होंने कहा कैसे हैं बघेल जी.
राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डे को मुख्य मंच पर जगह मिली. वे पीछे दूसरी पंक्ति पर बैठी थीं. संयोग था कि उनकी कुर्सी पीएम मोदी के आसपास ही थी. जाते समय मोदी ने उन्हें अभिवादन भी किया.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मंच पर आए तो वे बाजू वाले मंच पर पहुंचकर संतों को प्रणाम करना नही भूले.
विधानसभा चुनाव के दौरान मीडिया के संयोजक, राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह भी मंच पर दिखे. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के खिलाफ उन्होंने जो मुददे उठाए थे, बीजेपी को चुनाव जीतने में मदद किए.
जगदलपुर विधायक किरण देव मीडिया गैलरी से होकर जाने लगे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. एक कार्यकर्ता ने बताया कि विधायक हैं तो इन्ट्री मिली.
विधायक अजय चंद्राकर, विधायक विक्रम उसेण्डी और विधायक रामविचार नेताम की आपसी गुफत्गूं पर सबकी नजर बनी रही.
इनके बीच पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह अकेले ही कुर्सी पर बैठी रहीं. एक कार्यकर्ता की टिप्पणी थी : बताइए ये चार साल केंद्रीय मंत्री रही हैं.
पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे को साजा से हराकर जीतने वाले विधायक ईश्वर साहू मंच पर पहुंचे तो जनता का अभिवादन हाथ हिलाकर किया.
विधायक बृजमोहन अग्रवाल मंच पर पहुंचे तो उनके सम्मान में सभी विधायक खड़े हो गए. एक कार्यकर्ता की टिप्पणी थी कि ये हैं सबके मोहन प्यारे. बसना से विधायक संपत अग्रवाल ने उनके पैर भी छुए.
सीट पर किसी विधायक का नाम लिखा था लेकिन पहुंच गए अजय चंद्राकर. इस पर उन्होंने खुद ही कुर्सी उठाकर उस विधायक को दे दी. इस पर रामविचार नेताम ठहाके लगा उठे.
विधायक बृजमोहन अग्रवाल रेणुका सिंग और विधायक पुन्नूलाल मोहिले के बीच आसन ग्रहण किया तो कुछ देर बाद अजय चंद्राकर आए और उनसे इशारे से कुछ मांगा. इस पर बृजमोहन ने खड़े होकर जेब से कुछ निकाला और अजय चंद्राकर को दिया.
विधायक राजेश मूणत शुरू में पहली पंक्ति में बैठे थे, लेकिन बाद में उन्होंने दूसरी पंक्ति पर अपनी कुर्सी रखवाई और बैठ गए.
भाजपा के चारों दिग्गज संगठनमंत्री राष्ट्रीय संगठनमंत्री बी संतोष, शिवप्रकाश सिंह, अजय जामवाल, संगठनमंत्री पवन साय मुख्य मंच पर दूसरी पंक्ति बैठे थे.
प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल से खुद जाकर मुलाकात की. दोनों के बीच कुछ संवाद हुआ, फिर ठहाके लग गए.
प्रदेश के भाजपा संगठनमंत्री पवन साय और प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन सभी व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे.
प्रदेश प्रभारी ओम माथुर को किस कदर तवज्जो मिली कि वे मुख्य मंच की प्रथम पंक्ति में बिठाए गए. आश्चर्य कि राष्ट्रीय संगठनमंत्री बी संतोष भी उनके पीछे बैठे थे. शायद वरिष्ठता का क्रम रहा होगा. माथुर का भगवा जैकेट उन्हें बाकी नेताओं से जुदा बना रहा था.
राज्यपाल से मुख्य सचिव ने कार्यक्रम शुरू करने की इजाजत मांगी तो राज्यपाल सीधे खड़े हो गए. इस पर उनके ओएसडी आइपीएस विवेक शुक्ला ने उन्हें संभाला.