ब्रेकिंग : मोहम्मद अकबर की जनहित याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री, मंत्री पद की ही शपथ लेते हैं! कनक तिवारी ने लगाया समझौता करने का आरोप
बिगुल
रायपुर. कांग्रेस नेता और को चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने खारिज कर दिया है. न्यायालय ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री का पद लेबल है, शपथ मंत्री पद की होती है इसलिए उपमुख्यमंत्री का पद असंवैधानिक नही है. संविधान में मुख्यमंत्री के लिए भी अलग से प्रतिज्ञा का कोई प्रावधान नही है. वे भी मंत्री पद की ही शपथ लेते हैं.
बहरहाल याचिका खारिज होने के बाद पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर को तगड़ा झटका लगा है साथ ही वे आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं. राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता और गांधीवादी विचारक कनक तिवारी ने अपने फेसबुल बाल पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले महान विशेषज्ञ वकील मनोहर लाल शर्मा की ऐसी याचिका को खारिज कर दिया है कि बहरहाल ज्ञान की अभिवृद्धि करने के लिए इनका आभार!
श्री तिवारी ने आगे लिखा कि यह छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक प्रमुख नेता मोहम्मद अकबर हैं। काफी दिनों मंत्री रहे हैं। विधायक तो रहे ही हैं । इन्हें अपने संविधान के ज्ञान पर बहुत नाज है। यह तरह-तरह की संवैधानिक उपपत्तियां पैदा करते हैं। बाद में पता लगता है कि वे अदालत में ठहर नहीं पातीं। मुकदमे भी दाखिल करते हैं फिर उन्हें अंत तक नहीं पहुंचाते ।
श्री तिवारी ने अकबर पर आरोप लगाया कि वे गुपचुप तरीके से समझौता भी कर लेते हैं। हालिया उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री का पद असंवैधानिक है। इसलिए मंत्री पद की ली गई शपथ के आधार पर उपमुख्यमंत्री बन ही नहीं सकते। क्योंकि ऐसा कोई पद नहीं है संविधान में ।लेकिन भूल गए कि मुख्यमंत्री के लिए भी यही लागू है। मुख्यमंत्री के लिए अलग से संविधान में शपथ का प्रतिज्ञान कहां पर है।