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विश्लेषण : मंत्री बनने लॉबिंग शुरू, तोषण साहू के केंद्रीय मंत्री बनने से बदली परिस्थितियां, दो मंत्रियों को बदलने की चर्चा!

बिगुल
रायपुर. लोकसभा चुनाव में भाजपा की 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की है, और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद छत्तीसगढ़ के सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं. प्रदेश में मंत्री पद की एक सीट पहले से ही खाली है. अब बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद दो मंत्री पद रिक्त हो रहे है, जिसे पूरा करने के लिए दावेदार अलग-अलग तरीके से समीकरण बैठाने में जुट गए हैं.

मंत्री पद के लिए तीन स्तर पर लॉबिंग हो रही है. जिसमें केंद्रीय संगठन, प्रदेश संगठन और दावेदार शामिल है. यहां दो मंत्री पद के लिए सबसे पहले मंत्रियों के परफॉर्मेंस को चेक किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव में जिन मंत्रियों की विधानसभा सीट पर पार्टी प्रत्याशी को हर का सामना करना पड़ा है उनके लिए खतरे की घंटी बजती नजर आ रही है.

चर्चा है कि सरगुजा से दो मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है उनके जगह नए मंत्री शामिल किया जा सकते हैं. मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और लक्ष्मी रजवाड़ों को बदलने की चर्चा है हालांकि अंतिम निर्णय केंद्रीय संगठन ही करेगा. श्याम बिहारी और लक्ष्मी ओबीसी वर्ग से आते हैं बताया जा रहा है कि ओबीसी वर्ग से श्याम बिहारी की जगह धरम लाल कौशिक को मंत्री बनाया जा सकता है.

मंत्री पद के लिए मूणत और पुरंदर मिश्रा का नाम

वही सरगुजा से एक महिला मंत्री लक्ष्मी रजवाड़ों को हटाकर उनके स्थान पर आदिवासी नेत्री रेणुका सिंह को जगह मिल सकती है रेणुका सिंह नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री रह चुकी हैं. इससे पहले रमन सिंह सरकार में वह महिला बाल विकास मंत्री थी. वहीं बृजमोहन अग्रवाल के लोकसभा जाने के बाद रायपुर से एक विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है. इसमें प्रमुख नाम राजेश मूणत और पुरंदर मिश्रा का आ रहा है. राजेश मूणत रमन सरकार में मंत्री रहे हैं, जबकि पुरंदर मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव के साथ मिलकर उड़ीसा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली और उड़िया वोट बैंक को देखते हुए पुरंदर को जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है.

मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति वर्ग से दो विधायकों को शामिल किया जाता है.. ऐसे में दयाल दास के बाद एक ऐसी वर्ग की विधायक की तलाश की जा रही है जिन्हें मंत्री पद से नवाजा जा सके. उच्च सदस्य सूत्रों की माने तो मंत्रियों के विभाग में भी बदलाव होगा. केंद्रीय संगठन से सहमति बनने के बाद विष्णु देव साय सरकार में चार नए मंत्री हो सकते हैं ऐसे में इन नए मंत्रियों के आधार पर नए सिरे से विभागों का बंटवारा किया जाएगा. मुख्यमंत्री के पास आबकारी और परिवहन विभाग है जिसकी जिम्मेदारी नए मंत्रियों को दी जा सकती है.

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