छत्तीसघाट

विधानसभा : फर्जी वन पट्टा मामले में सदन गरमाया, बिना आवेदन पट्टा कैसे मिला : विधायक जनक ध्रुव, मंत्री टंकराम वर्मा बोले :  मामला आपकी सरकार का, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने किया कुशल संचालन

डा अनिल द्विवेदी

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह के आसंदी पर विराजमान होने के साथ हुई।

सबसे पहले दिवंगत सदस्यों को सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। उसके बाद 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने दुबारा सदन की कार्यवाही प्रश्न काल के साथ शुरू हुई।

इस पर विधायक जनक ध्रुव ने फर्जी वन पट्टा का मामला उठाया तो सदन में शांति छा गई। ध्रुव ने आरोप लगाया कि गरियाबंद जिले के मैनपुरी इलाके के ग्राम शोभा में संजय नेताम और उनकी पत्नी अनिता नेताम के नाम पर जमीन का फर्जी पट्टा आवंटित किया गया जबकि इन्होंने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया था और उन्हें जमीन आवंटित कर दी गई। श्री ध्रुव ने खुलासा किया कि सरपंच और सचिव का फर्जी हस्ताक्षर करके पट्टा दिया गया।

श्री ध्रुव ने बताया कि कलेक्टर और अन्य अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच की गई क्योंकि इसके लिए लिखित आवेदन दिया गया था तथा मामले पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। इसके बाद कलेक्टर और बाकी अधिकारियों ने मामले की जांच की तो मामला फर्जी पाया गया। उसके बाद भी आरोपी पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने व्यवस्था देते हुए
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को जवाब देने को कहा। तब मंत्री ने जवाब दिया कि वन अधिकार पत्ता देने की कमेटी होती है, उसने पट्टा जारी किया इसकी जांच कलेक्टर की टीम ने किया तो शिकायत झूठी पाई गई। कलेक्टर ने मामला जांच के बाद निरस्त कर दिया।

विधायक ध्रुव ने कहा की मेरे पास प्रमाण हैं, अपात्र लोगों को जमीन का पट्टा दिया गया। जबकि अन्य लोगों को आज तक 2019 से पट्टा नही मिल रहा है, इस पर कार्यवाई करेंगे क्या।

विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा कि अगर आपके पास सबूत प्रमाण है उसे मंत्री जी को दे दीजिएगा वे सरकारी करेंगे जनक दूसरे मंत्री को फिर के निर्देश देने चाहिए। मामले में रोचक मोड़ तब आ गया जब किसी ने यह कह दिया की यह मामला कांग्रेसी की पूर्ववर्ती सरकार के समय का है।

सरकार किसी की हो, कार्यवाही होना चाहिए ; भूपेश बघेल

इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सीट पर खड़ा होकर साफ किया कि हमारी सरकार दिसंबर 2018 में बनी, इसके पहले तो भाजपा सरकार थी। और सरकार किसी की भी हो, कार्यवाही तो होना चाहिए। एफआईआर करने में क्या समस्या हैं।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा रमन सिंह ने कहा कि अगर विधायक ध्रुव के पास प्रमाण हैं वह मंत्री को दे देवें, वे उस पर कार्यवाही कर लेंगे। विधायक ध्रुव ने मंत्री पर गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की मांग करता हूं। मंत्री ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

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