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ग्राउंड रिपोर्ट : महू में डेढ़ घंटे तक होता रहा पथराव, पुलिसकर्मियों को भी बचने के लिए छुपना पड़ा

बिगुल
‘फायनल मैच खत्म हुआ ही था, हम घर की पहली मंजिल पर थे, खिड़की दरवाजे खुले थे। टीम इंडिया की जीत पर पटाखे छोड़े जा रहे थे। सड़क पर युवकों का हुजूम वाहनों पर तिरंगे झंडे लहराते, नारे लगाते निकल रहा था। अचानक कुछ देर बाद सड़क पर दो पक्ष भिड़ने लगे।

देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। एक पत्थर आकर मेरी दादी के पैर पर लगा। मैने दरवाजे-खिड़की बंद की, लेकिन पत्थरों की बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी। गैलरी पत्थरों से पट गई थी। सूचना मिलने के बाद थाने के पुलिस जवान आए, लेकिन पथराव इतना तेज था कि उन्हें भी बचने के लिए छुपना पड़ा। डेढ़ घंटे तक लगातार पथराव-आगजनी होती रही। जब पुलिस बल ज्यादा मौके पर पहुंचा और आंसू गैस के गोले बरसाए तब हालात काबू में आए।’

यह कहना है महू के पत्ती बाजार में रहने वाले नीलेश सैनी का। उन्होंने बताया कि बस्ती में तनाव फैलने के बाद बिजली गुल हो गई थी और लगातार पत्थर घरों में आ रहे थे। एक बार तो परिवार के लोग नहीं बच पाएंगे, लेकिन डेढ़ घंटे बाद हालात काबू में आए।

नीलेश गैलरी में रखी पत्थरों से भरी बाल्टी दिखाते हुए बताते है कि सुबह घर के भीतर और गैलरी में पत्थर समेटने में एक घंटा लगा। टूटे हुए शीशे भी बिखरे पड़े थे। बाहर रखी कारों के शीशे भी तोड़े गए। बस्ती में ही रहने वाले वर्मा परिवार के लोगों ने बताया कि पहले भी महू में तनातनी का माहौल बनता था,लेकिन कभी इतने हालात नहीं बिगड़े।
बंद रहे इंटरनेट, हो गई बिजली गुल

बस्ती में हुए उपद्रव के दौरान कुछ दुकानों और मकानों में उपद्रवियों ने आग भी लगाई। इस दौरान बिजली के तार और इंटरनेट की केबलें भी जल गई। इस कारण रात से लेकर सुबह तक लोग अंधेर में घरों में कैद रहे। सुबह बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बिजली सप्लाई बहाल की।

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