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विधानसभा : मंत्रियों को उनके अपने ही विधायकों ने घेरा, रमन सिंह ने ली चुटकी, विधायक राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, धरमजीत सिंह और भावना बोरा मुखर हुए, विपक्ष रहा गायब !

विधानसभा में कल की कार्यवाही शुरू हुई तो पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सदन में बैगा आदिवासियों की मौत का मामला उठाया. बैगा आदिवासियों की मौत मामले पर हंगामा हुआ. सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई. विपक्ष और पक्ष दोनों नारेबाज़ी करते रहे. पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा : नए लोगों के लिए सीख है कि ऐसा न किया जाए. पक्ष और विपक्ष में बहस के बाद विधायक हर्षिता बघेल ने अपना कथन वापस लिया.

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी जब अनुदान मांगों पर जवाब दे रहे थे तो रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत ने अपने स्थान पर खड़े होकर यातायात का मुददा उठाया. उन्होंने स्कॉय वाक, अवैध पार्किंग और जाम का मुददा उठाया. मूणत का साथ देने के लिए विधायक अजय चंद्राकर भी खडे हुए तथा उन्होंने भी अपनी बात कही. दोनों नेताओं ने चौधरी से जमकर सवाल जवाब किए. इसी बीच विधायक धरमजीत सिंह भी कूद पड़े और उन्होंने भी चौधरी के समक्ष सवाल दागे.

हालांकि वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने तीनों वरिष्ठ विधायकों को धैर्य के साथ सुना और उनकी आपत्तियों को जायज ठहराते हुए उसका निदान निकालने का वादा किया.

धरमजीत सिंह ने केदार कश्यप पर दागे सवाल

वन मंत्री केदार कश्यप जब अपनी अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देने वाले थे, इसी बीच विधायक धरमजीत सिंह ने अपनी सीट पर खड़े होकर कहा कि यह विष्णु देव साय की सरकार है. आदिवासियों के दर्द को सामने रखने के लिए खड़ा हुआ हूं. सिंह ने बताया कि कानन पेंडारी वन इलाके के आदिवासियों को फर्जी मामले में जेल भेज दिया जाता है, उनके पास कोर्ट केस लड़ने के लिए पैसा तक नही होता. मैंने दस हजार की मदद की तो वे जेल से छूटे. उन्होंने कहा कि ऐसे कठोर कानून का क्या मतलब कि गरीब आदिवासी जेल चले जाएं. कृपया इसे ठीक करें और आदिवासियों की रक्षा करें.

तुम इनके पास मत बैठा करो

इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जब आदिवासियों का मुददा उठता है तो आप भावुक हो जाते हैं और फिर आपको समय का भी ध्यान नही रहता. इस पर धरमजीत सिंह ने कहा कि लीजिए अब खत्म कर देता हूं. उनके बैठते ही विधायक अजय चंद्राकर ने फिर से उन्हें छेड़ा तो रमनसिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि तुम इनके पास मत बैठा करो. इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि विपक्ष तो है नही साहब, कम से कम हमीं लोगों को आपस में लड़ लेने दो. इस पर सदन में ठहाके लग गए.

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