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बड़ी खबर : भाजपा ने राज्य निर्वाचन आयुक्त और भ्रष्ट अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए, जिलों के अफसर और डीजीपी को हटाने की मांग ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो

बिगुल
रायपुर. प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कल निर्वाचन आयोग के साथ हुई मीटिंग में भ्रष्ट पुलिस अफसरों सहित कई प्रशासनिक अफसरों को चुनावी ड्यूटी और जिलों से हटाने की मांग की है.

आज चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की उपस्थिति में विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक आमंत्रित की गई थी। इसमें भारतीय जनता पार्टी के सांसद व प्रदेश निर्वाचन समिति के संयोजक सुनील सोनी, विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और प्रदेश निर्वाचन समिति के सह संयोजक डॉ. विजयशंकर मिश्र शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेताओं के सवालों के जवाब भी संतोषजनक नहीं थे.

इस पर सांसद सुनील सोनी ने आपत्ती की. उन्होंने राजीव कुमार से एक सवाल पूछना चाहा तो कुमार रुक गए गए. उन्होंने सोनी से कहा कि आप मुझे डिस्टर्ब मत कीजिए. सुनील सोनी ने कहा कि मैं आपसे सवाल कर रहा हूं जिसका मुझे जवाब मिलना चाहिए.

बताया जाता है कि भाजपा नेताओं ने राज्य के कई अफसर का नाम लेते हुए कहा कि यह पारदर्शी चुनाव कराने में विश्वसनीय नहीं है. कुछ भ्रष्ट चेहरे भी है, ऐसे लोगों को चुनाव ड्यूटी से हटाया जाए.

सूत्र यह भी बताते हैं कि भाजपा ने पुलिस महानिदेशक की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए और उन्हें चुनाव होने तक उनके पद से हटाने की मांग की हालांकि चुनाव आयोग ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और न ही कोई आश्वासन।

दूसरी ओर भाजपा ने अपने अधिकृत बयान में कहा कि पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के नाम एक पत्र सौंपकर अवगत कराया है कि कई स्थानों से बूथ लेवल ऑफिसर द्वारा निर्धारित स्थानों पर उपस्थित रहने के बजाय कार्यालीन समय के बाद अनधिकृत व्यक्तियों से थोक रूप में फॉर्म प्राप्त कर गलत एवं बाहरी व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने की गंभीर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

भाजपा नेताओं ने मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने, परिवर्तन इत्यादि हेतु चल रहे विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम में संलग्न कर्मचारियों द्वारा दायित्व की घोर अवहेलना और भाजपा के बूथ लेवल एजेंट द्वारा सुनवाई न होने की मिली व्यापक शिकायतों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

भाजपा सांसद श्री सोनी, विधायक श्री अग्रवाल व सह संयोजक डॉ. मिश्र ने अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों से बूथ लेवल एजेंट द्वारा द्वारा सूचित किया गया है कि बूथ लेवल ऑफिसर निर्धारित स्थान पर अनुपस्थित रहते हैं तथा अपने बूथ में नहीं बैठ रहे हैं। कई बार इसकी शिकायत भाजपा द्वारा छत्तीसगढ़ के निर्वाचन कार्यालय को की गई है। इस पर निर्वाचन कार्यालय द्वारा सभी कलेक्टर को आदेश देकर बूथ लेवल ऑफिसर को निर्धारित स्थान में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे, किन्तु अब भी बूथ लेवल ऑफिसर क्षेत्र में निर्धारित स्थानों पर उपस्थित नहीं रहते जिससे मतदाता सूची में नाम जुड़वाने हेतु आ रहे लोग हतोत्साहित होकर वापस लौट रहे हैं। अभी भी लगभग सभी जिलों से इस आशय की शिकायतें प्राप्त हो रही है। निर्वाचन आयोग तथा कलेक्टर द्वारा इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। अभी तक किसी भी बूथ लेवल ऑफिसर के विरुद्ध दायित्व की अवहेलना हेतु कोई दण्डात्मक कार्रवाई नहीं की गई। भाजपा ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ से यह अनुरोध किया गया है कि बूथ लेवल ऑफिसर द्वारा नए नाम जोड़ने तथा गलत नाम को विलोपित करने के कार्य में ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए नए नाम जोड़ने तथा नाम विलोपित करने का समय 31 अगस्त के बाद 15 दिन और बढ़ाया जाए और नाम जोड़ने का कार्य 15 अक्टूबर तक किया जाय।

पत्र में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा दिए गए आदेशों का पालन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ के द्वारा नहीं कराया जा रहा है। समस्त जिला निर्वाचन अधिकारीयों को निर्देशित किया जाये कि वे यह सुनिश्चित करें कि बूथ लेवल ऑफिसर निर्धारित स्थानों पर नियमित रूप से पर्याप्त संख्या में निर्धारित प्रारूप (फॉर्म) के साथ उपस्थित रहें क्योंकि प्रक्रिया में अत्यधिक विलम्ब हो चुका है, अतः 26 और 27 अगस्त, शनिवार तथा रविवार के अवकाश दिवस में भी नाम जोड़ने का कार्य जारी रखा जाये।

भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में कई स्थानों पर मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए लगाए गए बूथ लेवल ऑफिसर हड़ताल पर हैं, कई कर्मचारी यूनियन अभी सरकार के विरुद्ध हड़ताल पर बैठे हैं। इस स्थिति में निर्वाचन आयोग द्वारा वैकल्पिक बूथ लेवल ऑफिसर की नियुक्ति तक नहीं की गयी है। इससे मतदाता सूची में नाम जोड़ने का कार्य बंद है। इसी प्रकार निर्देशों के अनुसार बूथ लेवल ऑफिसर को बूथ में नाम जोड़ने के लिए निर्धारित फॉर्म नंबर-1 तथा नाम काटने के लिए फॉर्म नंबर-7 लेकर उपस्थित रहना है और नागरिकों को नि:शुल्क उपलब्ध करना है किंतु लगभग सभी जिलों से निरंतर शिकायत प्राप्त हो रही है कि जहाँ बूथ लेवल ऑफिसर उपस्थित भी हैं उनके पास कोई फार्म उपलब्ध नहीं है। नाम जुड़वाने हेतु आ रहे व्यक्तियों को बाज़ार से फॉर्म खरीदने को कहा जा रहा है। फॉर्म के अभाव में नाम नहीं जोड़ा जा रहा है। क्या यह जिला निर्वाचन अधिकारी का ‘फार्म भ्रष्टाचार’ है?

भाजपा सांसद श्री सोनी, विधायक श्री अग्रवाल व सह संयोजक डॉ. मिश्र ने अपने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ से समस्त विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर की सूची, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर का नाम, मोबइल नंबर, फोन नंबर, ई-मेल एड्रेस, जिला का नाम हो, प्रदान की जाए। फर्जी मतदान को रोकने हेतु प्रभावी कदम उठाये जाएँ। इसी तरह निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए तीन वर्षों से अधिक अवधि तक एक ही जिले में पदस्थ प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों को दूसरे जिलों में स्थानांतरित किया जाये। भाजपा नेताओं ने निर्वाचन आयोग से इस दिशा में तत्काल पहल करने का आग्रह किया है।

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