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बड़ी खबर : 2029 में पूरे देश में एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव, दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे, उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी 18626 पन्नों की रिपोर्ट

नई दिल्ली. भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ‘एक देश-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट सौंपी। यह रिपोर्ट कुल 18,626 पेजों की है। 2 सितंबर, 2023 को इसके गठन के एक्सपर्ट के साथ चर्चा और 191 दिनों की रिसर्च के बाद यह रिपोर्ट सौंपी गई है। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.

रिपोर्ट में क्या है?
18,626 पन्नों की रिपोर्ट में 2029 में एक साथ पूरे देश में लोकसभा-विधानसभा चुनाव सहित कई सिफारिशें की गई हैं. मसलन सरकार गिरी तो बचे कार्यकाल के लिए होगा चुनाव. अगर एक साल बाकी तो नई सरकार एक साल के लिए होगी. एक साथ चुनाव कराने पर कोविंद समिति की रिपोर्ट का सारांश यह है कि समिति देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है।

इसी तरह लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक एकल मतदाता सूची पर भी ध्यान केंद्रित किया जाए. कोविंद कमेटी ने 2029 में एकसाथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। इसमें लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव के लिए एक मतदाता सूची रखने की बात भी सामने आई है। साथ ही एक चुनाव के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो, यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए। उसके बाद सभी राज्यों में एकसाथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव हो सकेंगे।

सितंबर में गठित समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था। कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी शामिल थे।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था लेकिन उन्होंने समिति को पूरी तरह से छलावा करार देते हुए मना कर दिया। विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।

रिपोर्ट पर आगे क्या करना होगा
रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट के सामने रखी जाएगी। कैबिनेट के फैसले के अनुरूप कानून मंत्रालय संविधान में वह नए खंड जोड़ेगा, जिसकी सिफारिश विधि आयोग ने की है, ताकि चुनाव एकसाथ हो सके। इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराया जाएगा और राज्य विधानसभाओं से भी प्रस्ताव पारित करने की सिफारिश की जाएगी। इसके बाद तीन चरणों में 2029 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ सुनिश्चित किए जा सकेंगे।

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