Breaking : पार्षद नागभूषण यादव ने रायपुर ग्रामीण से ठोंकी दावेदारी, विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, डेढ़ लाख वोटरों तक पहुंच होने का दावा, ओ पी देवांगन, अनवर हुसैन भी लड़ सकते हैं!
बिगुल
रायपुर. बीरगांव नगर पालिका के पांच पार्षदों तथा पूर्व महापौर ओमप्रकाश देवांगन के भाजपा प्रवेश के साथ ही कांग्रेस के लिए रायपुर ग्रामीण में एक और मुश्किल खड़ी हो गई है. भनपुरी से चार बार के पार्षद और एमआईसी सदस्य नागभूषण यादव ने रायपुर ग्रामीण से दावेदारी ठोक दी है. इसके बाद विधायक सत्यनारायण शर्मा के कान खड़े हो गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक तीन दिन पहले जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर ग्रामीण में सम्मेलन करने भनपुरी पहुंचे तो मुख्य मार्ग पर उनका स्वागत भनपुरी से चार बार के पार्षद और एमआईसी सदस्य नागभूषण यादव ने किया. इस दौरान उनके समर्थकों ने यादव को रायपुर ग्रामीण से पार्टी का प्रत्याशी बनाने की मांग की. हालांकि मुख्यमंत्री कुछ भी रिएक्ट नही किया है लेकिन नागभूषण यादव की दावेदारी से कांग्रेस के कई नेताओं के कान खड़े हो गए हैं.
विशेषकर रायपुर ग्रामीण सीट से विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे पंकज शर्मा को अब अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है. फिलहाल उन्होंने कुछ भी रिएक्ट नही किया है लेकिन समझा जा रहा है कि वर्तमान विधायक सत्यनारायण शर्मा जोकि अपने बेटे पंकज शर्मा को रायपुर ग्रामीण से विधायक बनवाकर राजनीति से सन्यास लेना चाहते हैं, के लिए नागभूषण यादव की दावेदारी परेशान करने वाली और रणनीति बदलने वाली हो सकती है.
इस संवाददाता से बातचीत में यादव ने कहा कि टिकट मांगने का अधिकार सभी को है. पिछले 20 सालों से मैं और मेरी पत्नी इलाके से पार्षद, भाजपा को हरा रहे हैं. यह जनता का आर्शीवाद से हुआ है. उन्होंने कहा कि जनता का और मेरे समर्थकों का आग्रह है इसलिए मन बनाया है मगर अंतिम रूप से कुछ भी तय नही हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर पंकज शर्मा को टिकट मिलती है तो भी मैं उनके साथ खडा रहूंगा.
सूत्रों के मुताबिक बिरगांव के पूर्व महापौर ओमप्रकाश देवांगन सहित पांच पार्षदों के भाजपा प्रवेश ने कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी हैं क्योंकि कांग्रेस को रायपुर ग्रामीण में जीत के लिए 40 हजार वोटों के लिए अतिरिक्त उर्जा खर्च करनी होगी. वही अब नागभूषण यादव की दावेदारी से वोटों का समीकरण बिगड़ सकता है. उधर पार्षद अनवर हुसैन ने भी कई दिनों से विरोध का मोर्चा खोल रखा है.जानते चलें कि बीरगांव नगर पालिका, भनपुरी, खमतराई, डब्ल्यूआरएस और मोवा क्षेत्र मिलाकर रायपुर ग्रामीण में 90 हजार से ज्यादा वोट हैं. यहां के विधानसभा के नतीजे हमेशा उलटफेर वाले रहे हैं. शर्मा 2008 के चुनाव में 3600 वोटों से हार गए थे और 2013 में मात्र 2000 वोटों से जीते.
2008 के चुनाव में ही सत्यनारायण शर्मा यह सीट हारते हारते रह गए थे. हालांकि उनकी लोकप्रियता और सम्मान हमेशा कायम रहा पर उम्र और समय किसी के लिए स्थायी नही. इस बार संभवत: उनके सुपुत्र पंकज शर्मा चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आर्शीवाद जरूरी होगा.