ब्रेकिंग : वित्त मंत्री, पूर्व आईएएस ओ पी चौधरी ने नीति आयोग की बैठक में शिक्षा व्यवस्था पर दिया व्याख्या, प्रेजेंटेशन देकर छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था की खासियत देश को बताई, देखिए वीडियो

बिगुल
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री, पूर्व आईएएस ओ पी चौधरी इन दिनों नई दिल्ली में हैं जहां वे तीन दिनों तक चलने वाली जीएसटी की मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। दूसरी ओर श्री चौधरी ने आज नई दिल्ली में नीति आयोग के समक्ष “शिक्षा और देश का भविष्य” विषय पर एक व्याख्यान दिया और शिक्षा व्यवस्था के सुधार पर एक प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया।
श्री चौधरी ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में अनेक चुनौतियाँ आज भी मौजूद हैं। मेरी खुद की प्रारंभिक पढ़ाई गाँव के सरकारी स्कूल से हुई है, इसलिए मैंने इस सिस्टम को बहुत नजदीक से अनुभव किया है। मुझे अच्छी तरह याद है कि पहली बार हमें ‘A,B,C,D…’ छठी कक्षा में पढ़ाई गई थी। तब तक सर्व शिक्षा अभियान भी शुरू नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि एक बच्चा 15 से 17 साल तक पढ़ाई करता है, लेकिन उसे यह समझ ही नहीं आता कि वास्तव में वह करियर में क्या करना चाहता है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारी शिक्षा व्यवस्था में करियर काउंसलिंग और गाइडेंस की कोई ठोस प्रक्रिया का नहीं होना है। निस्संदेह शिक्षा का उद्देश्य केवल पैसे कमाना नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि जब कोई बच्चा वर्षों की पढ़ाई के बाद भी आर्थिक आत्मविश्वास (Economic Confidence) विकसित नहीं कर पाता, तो यह हमारे पूरे समाज और शिक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है।
इसलिए आज आवश्यकता इस बात की है कि इस दिशा में काम किया जाए ताकि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित न रहे, बल्कि जीवन और करियर से जोड़ते हुए हर बच्चे में आत्मविश्वास और अवसर पैदा कर सके।
जानते चले कि वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कलेक्टर रहते हुए ऑक्सी रीडिंग जोन नालंदा परिसर जैसा प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ में लागू किया है जिसे युवाओं ने खासा पसंद किया है। अब सभी जिलों में नालंदा परिसर बनाया जा रहा है।
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