राजनीति

ब्रेकिंग : रायगढ़ सीट से ओ पी चौधरी लड़ेंगे चुनाव, फोन कर प्रत्याशियों को दी गई सूचना, संगठन के नेता नाराज, तीन सीटों पर भाजपा का समीकरण गड़बड़ाया?

बिगुल
रायपुर. भारतीय जनता पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए रायगढ़ सीट से ओपी चौधरी का नाम तय कर लिया है कल दिल्ली से भाजपा के शीर्ष नेता ने उन्हें फोन पर इसका कंफर्मेशन दिया.हालांकि इसकी अधिकृत घोषणा होना बाकी है लेकिन खुद चौधरी स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी टिकट तय हो गई है.

इधर इसकी खबर जैसे ही रायगढ़ और रायपुर में पहुंची ओपी चौधरी के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग एक दूसरे को फोन करके टिकट कंफर्म होने की जानकारी देते रहे। चौधरी के समर्थक जहां एक तरफ खुश है वहीं पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग खेमों में बंटे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने चौधरी सहित एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों को फोन करके तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं हालांकि टिकट की औपचारिक घोषणा 4 सितंबर के बाद होने की उम्मीद है।

आरएसएस विहिप के नेता नाराज

बताया जाता है कि भाजपा संगठन से सिफारिश सलाह लिए बगैर चौधरी की टिकट सीधे दिल्ली से कंफर्म कर दी गई। जिससे आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के नेता नाराज बताए जाते हैं। दरअसल टिकट के मजबूत दावेदार विजय अग्रवाल ने भी दावा ठोक रखा है। पिछली बार उन्होंने निर्दलीय 50 हजार वोट हासिल कर भाजपा प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था लेकिन निर्दलीय लडना उनका अनुशासनहीन होना दर्शाता है, ऐसे में संगठन सुनील रामदास को आगे कर रहा है। दरअसल सुनील की आरएसएस वीएचपी में तगड़ी दखल है। वे सालों से संगठन के साथ हैं, हालांकि टिकट की अधिकृत घोषणा होने तक उनकी उम्मीद कायम है।

चार सीटों पर कमजोर प्रत्याशी

अभी वर्तमान परिस्थितियों में रायगढ़.जशपुर की 6 सीटों पर नजर डालें तो भाजपा फिलहाल 4 सीटों पर हालत पतली नजर आ रही है. खरसिया में कांग्रेस के उमेश पटेल के मुकाबले कमजोर प्रत्याशी महेश साहू उतारा गया है। भाजपा के नेता मानते हैं कि इस बार ओ पी चौधरी को यहीं से चुनाव लडना था तो जीत जाते। इसी तरह धर्मजयगढ़ सीट पर भी मुकाबला 50-50 ही है। चंद्रपुर सीट से संयोगिता जूदेव प्रत्याशी लगभग तय हैं जबकि वे 2018 में तीसरी पोजिशन में थीं, हार चुकी हैं। इस बार भी हालत पतली ही है। लेकिन अगर ओ पी चौधरी को यहां से पार्टी चुनाव लड़ाती है तो चौधरी जीत सकते हैं। जबकि रायगढ़ सीट से चौधरी की जीत को लेकर नेता आशान्वित नहीं है. अपने गृहनगर खरसिया सीट से वे पहले ही हार चुके हैं और अब रायगढ़ चुनाव को लेकर भी लोग आशान्वित नहीं हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे को देखें तो यहां पर अग्रवाल समुदाय का प्रत्याशी ही विधायक बनता रहा.

चौधरी का उपयोग पूरे प्रदेश में हो

रायगढ़ में चौधरी को बाहरी प्रत्याशी माना जा रहा है। भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी उन्हें खुले मन से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। कुल मिलाकर पार्टी के लिए एक एक सीट जीतना जरूरी है। ऐसे में संगठन चाहता है कि ओ पी चौधरी को चंद्रपुर सीट से चुनाव लडने को कहना चाहिए या फिर उनका उपयोग पूरे प्रदेश में किया जाए क्योंकि उनके लाखों प्रशंसक हैं। ऐसे में एक सीट पर बांधना ठीक नही। अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो उन्हें पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे अन्यथा राज्यसभा भेजकर उनका कद बढ़ा सकती है।

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