लोकसभा चुनाव : कांग्रेस ने फाइनल किए प्रत्याशी, आला कमान की मुहर बाकी, शिव डहरिया, भूपेश बघेल, कवासी लखमा, महंत, डॉ राकेश गुप्ता, चंद्रशेखर शुक्ला के लड़ने की चर्चा
बिगुल
बिलासपुर. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की अनुशंसा के बाद प्रदेश कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी तय कर लिए हैं. अब इसमें आलाकमान की मुहर भर लगना बाकी है.
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सभी राजनीतिक दल प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रहे हैं. कांग्रेस में भी तीन बार से अधिक बैठकें हो चुकी हैं और सभी 11 सीटों पर संभावित चेहरे लगभग तय हो चुके हैं. कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश स्तर पर अब कोई बैठक नहीं होगी. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में दावेदारों के नाम जा चुके हैं. पखवाड़े भर के भीतर नाम की घोषणा होने का दावा किया गया है.
एक पदाधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि लोकसभा चुनाव में पूर्व मंत्री हाथ आजमाना चाहते हैं. हालांकि इसमें महिला आरक्षण को ध्यान रखते हुए 3 से 4 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को भी उतारा जा सकता है. नए चेहरों पर भी दांव की बात कही जा रही है. रायपुर या राजनादगांव लोकसभा से भूपेश बघेल पर चुनाव लड़ने का दबाव है. हालांकि उन्होंने नए चेहरे को मौका देने की बात कही है. इसी तरह कांकेर से वीरेश ठाकुर और कोरबा से ज्योत्सना महंत का नाम लिया जा रहा है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी चुनाव लड़ सकते हैं हालांकि वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं लेकिन चूंकि वे विधानसभा चुनाव हारे हैं इसलिए पार्टी उन्हें दुबारा मौका दे सकती है. वैसे भी बैज युवा और जनता के लोकप्रिय चेहरा हैं. बस्तर से कवासी लखमा, रायपुर से डॉक्टर राकेश गुप्ता और विकास उपाध्याय के नाम की चर्चा है.
इसी तरह महासमुंद सीट से किसान नेता चंद्रशेखर शुक्ला के उम्मीदवार होने की चर्चा है. शुक्ला ने चुनाव प्रत्याशी बनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधा है. शुक्ला धरसींवा से विधानसभा लड़ने के इच्छुक थे मगर ऐनवक्त किसी दूसरे को टिकट दे दिया गया था.
जांजगीर से पूर्व मंत्री शिव डहरिया, सरगुजा से पूर्व मंत्री प्रेम साय सिंह और शशि सिंह की दावेदारी मजबूत है. यहां कांग्रेस गोंडवाना से जुड़ी सुमित्रा पोर्ते को भी लड़ाने पर भी विचार कर रही है. दुर्ग से राजेंद्र साहू या ताम्रध्वज साहू को टिकट मिल सकता है. राजनांदगांव से भूपेश बघेल का नाम था लेकिन उनके इनकार करने के बाद छन्नी साहू या कुलबीर छाबड़ा या हेमा देशमुख मजबूत दावेदार हैं. बिलासपुर से पार्टी टीएम सिंहदेव को उतरना चाहती थी लेकिन वे लड़ने के इच्छुक नहीं हैं उनकी जगह किसी नए को मौका मिल सकता है.