Hasdeo : राहुल गांधी से बात करने का आंदोलनकारियों से झूठा वादा किया था टी एस सिंहदेव ने, भूपेश बघेल बोले थे : सिंहदेव चाह लें तो एक पेड़ ना कटे
बिगुल
रायपुर. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में हसदेव अरण्य में कोयला उत्खनन को लेकर मामला बढ़ता जा रहा है. जंगलों को उजाड़ने के विरोध में संघर्ष कर रहे ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ के पूर्व डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव ने मुलाकात की है. कल वे धरना में भी बैठे. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक विरोध करना हमारे आदिवासी भाई बहनों का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र के आदिवासी सरपंचों और वरिष्ठजनों को गिरफ्तार किया है यह पूर्ण रूप से असंवैधानिक है। सरकार को उनकी बात तत्काल सुननी चाहिए और उनकी इच्छानुसार ही आगे का कोई कदम उठाना चाहिए. दूसरी ओर सोशल मीडिया पर सिंहदेव के इस कदम को घड़ियाली आंसू करार दिया जा रहा है.
घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं सिंहदेव
एक एक्टिविस्ट ने लिखा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सरकार चली गई, सरगुजा में कांग्रेस साफ हो गई, सिंहदेव खुद निपट गए तब उन्हें जल जंगल जमीन और जनता याद आ रही है. भूलिए मत जिस सरकार में ये डिप्टी सीएम रहे, उसी ने अदानी को एनओसी दी थी. घड़ियाली आंसू हैं यह.
हालांकि तत्कालीन विधायक टी एस सिंहदेव ने कांग्रेस सरकार रहते हुए भी जंगल उजाड़ने का विरोध किया था. तब उनका बयान था कि मेरे विधायक रहते हुए यहां एक तिनका भी नही उखड़ेगा. इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बयान देते हुए कहा था कि टीएस सिंहदेव चाहते हैं तो पेड़ क्या डंगाल तक नहीं कटेगा, गोली चलाने की नौबत नहीं आएगी. गोली चलाने वाले पर ही गोली चल जाएगी.
राहुल गांधी से बात करने का वादा किया और भूल गए
दरअसल टी एस सिंहदेव हसदेव अरण्य पहुंचे थे. उन्होंने आंदोलन में बैठे ग्रामीणों से मुलाकात की और काटे जा रहे पेड़ को देखा. इसके बाद उन्होंने हसदेव बचाने के लिए आंदोलन कर रहे ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया. उन्होंने कहा कि एक राय होइए, फिर कोई गोली बंदूक लेकर आएगा तो मेरे को बुला लीजिएगा. पहली गोली मैं खाऊंगा, दूसरी गोली आपको लगेगी. इसके साथ टी एस सिंहदेव ने यह भी ग्रामीणों से कहा था कि हसदेव अरण्य के बारे में राहुल गांधी से बात करेंगे. इनको इसके बारे में जानकारी देंगे.
दोनों ही नेताओं की बयानबाजी पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि टी एस सिंहदेव अपने पद से इस्तीफा देकर मैदान में आकर लड़ें लेकिन सिंहदेव ने इस्तीफा नही दिया.