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पाकिस्तान को मोदी के सत्ता से सता रहा ऐसा डर, पीएम बनने की भविष्यवाणी से हुए व्याकुल,जानिए चीन का ये है कहना…

Pakistan is so afraid of Modi's power, got worried by the prediction of him becoming PM, know what China has to say…

एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 346 सीटें, इंडिया गठबंधन को 162 सीटें और अन्य को 35 सीटें मिलने की उम्मीद है. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद पाकिस्तान घबरा गया है. वहीं चीन ने भारत के साथ रिश्तों में सुधार होने की उम्मीद जताई है.

लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे कल यानी 4 जून को घोषित होंगे, लेकिन उससे पहले तमाम एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि देश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने जा रही है और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन सकते हैं के एग्जिट पोल सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि एनडीए को 346 सीटें, इंडिया गठबंधन को 162 सीटें और अन्य को 35 सीटें मिलने की उम्मीद है. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद चीन और पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी है. चीन ने जहां भारत से संबंध बेहतर होने की उम्मीद जताई है तो पाकिस्तान पूरी तरह से खौफ में आ गया है. पाकिस्तान का कहना है कि नरेंद्र मोदी उसके खिलाफ आक्रामक नीति अपनाएंगे.

पहले बात करते हैं चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स की. उसके मुताबिक, चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी की घरेलू और विदेशी नीतियों में निरंतरता बनी रहेगी, क्योंकि उनसे उम्मीद होगी कि वह देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के अपने प्रयासों पर कायम रहेंगे. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, विश्लेषकों ने संबंधों को स्थिर विकास की राह पर वापस लाने और मतभेदों को दूर करने के लिए खुले संचार को बनाए रखने के लिए चीन के साथ सहयोग करने के महत्व पर जोर दिया.

भारत में लोकसभा चुनाव-2024 की शुरुआत 19 अप्रैल को हुई थी, जो 1 जून को सातवें चरण की वोटिंग के साथ खत्म हुई. अब बस चुनाव के नतीजों का इंतजार है. चीन के सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के विभाग के कियान फेंग ने कहा, मोदी भारत के लिए निर्धारित घरेलू और विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे, जिसमें देश को कुछ वर्षों के भीतर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.

चीन-भारत संबंधों के बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी अगर पद पर बने रहे तो चीन और भारत के बीच टकराव की संभावना कम है. फुडन यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के उप निदेशक लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया, चीन और जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे अमेरिकी सहयोगियों सहित कई देशों के बीच संबंध अब बेहतर हो रहे हैं. भारत सवाल कर सकता है कि अब तक चीन-भारत संबंधों में सहजता और सुधार का कोई संकेत क्यों नहीं दिख रहा है. चीन के विश्लेषकों का कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी अगले कार्यकाल में चीन के साथ मिलकर काम कर सकते हैं तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो सकता है.

उधर, एग्जिट पोल में पीएम नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी पर पाकिस्तान कांप रहा है. पाकिस्तान को डर सताने लगा है कि पीएम मोदी उसके खिलाफ आक्रामक नीति अपनाएंगे.

पाकिस्तान के विदेश सचिव अजाज चौधरी ने कहा कि ट्रैक रिकॉर्ड से पता चलता है कि मोदी चुनावी घोषणापत्र को लागू करते हैं.

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