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हाईकोर्ट में जेल सुधार और अवैध गतिविधियों पर रोक सहित अन्य मामलों की याचिकाओं पर हुई सुनवाई, अदालत ने कही ये बात

बिगुल
बिलासपुर हाईकोर्ट में जेल सुधार और अवैध गतिविधियों पर रोक सहित अन्य मामलों को लेकर लगी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने जेल में बंद कैदियों के लिए सुधारात्मक कार्यों और अप्राकृतिक मौतों के बारे में जवाब तलब किया।

वहीं, सरकार का पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मामले में शपथ पत्र पेश किया गया है, जिसमें 2019 से लेकर 2024 तक पांच सालों में जेल में बंद कितने कैदियों की मौत हुई। इसमें अप्राकृतिक मौत कभी जिक्र किया गया है। जिसमें अब तक जेल में रहने के दौरान बीमारी या अन्य कारणों से 62 मौत हुई है। वहीं, 2024 में एक कैदी की अप्राकृतिक मौत की जानकारी दी। इस मामले में कोर्ट कमिश्नर के रूप में अधिवक्ता सुनील पिल्लई ने कोर्ट को बताया कि जेल में रहने के दौरान कैदी की अप्राकृतिक मौत होने पर परिवार को सरकार की तरफ से कोई मुआवजा का प्रावधान नहीं है। जिस पर कोर्ट ने इस मामले में कहा कि जेल में बंद कैदी को संविधान के अनुच्छेद 21 मौलिक अधिकार मिले हैं। उसका पालन किया जाना चाहिए।

दरअसल, 26 नवंबर 2024 को हुई सुनवाई में कोर्ट में पेश हलफनामे में बताया था कि प्रदेश की कई जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं। कुछ जिलों में जेल निर्माण कार्य भी जारी है। वहीं 2018 में 33 जेलों में 2074 सीसीटीवी कैमरे उपलब्ध थे। वर्तमान में 33 जेलों में 2979 सीसीटीवी कैमरे स्थापित एवं उपलब्ध हैं। 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की खरीद प्रक्रियाधीन है। साथ ही कैदियों की सुरक्षा के लिए पांच केंद्रीय जेलों के लिए पांच नए नॉन लीनियर जंक्शन मेटल डिटेक्टर तथा पांच जिला जेलों के लिए पांच नए जनरेटर खरीदे जा रहे हैं। कोर्ट ने जेल महानिदेशक (कारागार) को निर्देश दिए थे कि वर्तमान शपथ-पत्र में जिन सुविधाओं का उल्लेख किया गया है, उनका अक्षरशः पालन किया जाए तथा जेलों में होने वाली अप्राकृतिक मृत्यु पर भी नियंत्रण किया जाए।

वहीं महानिदेशक (कारागार) को उपरोक्त टिप्पणियों के संबंध में एक नया शपथ-पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। और कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसरण में इस न्यायालय द्वारा इन मामलों की निगरानी की जा सके। इसके बाद आदेश के परिपालन को लेकर के गुरुवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। जिसमें सभी पहलुओं पर गंभीरता से सुनवाई हुई। भाई कोर्ट में जेल में लायन एंड ऑर्डर के बारे में भी पूछा इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जेल में सीसीटीवी अन्य कार्य किए जाने की जानकारी दी। जेल में अप्राकृतिक मौत के आंकड़ों में आई कमी पर कोर्ट ने संतुष्टि जताई है। सरकार को कोर्ट कमिश्नर के अप्राकृतिक मौत पर मुआवजा स्कीम के ड्राफ्ट किए जाने की सलाह पर पॉलिसी बनाने को आवश्यक मानते हुए निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई के लिए 2 अप्रैल 2025 का दिन निर्धारित किया है।

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