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वन भूमि पर अवैध खेती करने का मंसूबा ध्वस्त, अतिक्रमणकारियों के मंसूबे ऐसे हुए नाकाम, शंकरघाट के समीप वन भूमि पर खेती करने का मामला

बिगुल
अम्बिकापुर. अतिक्रमण का प्रयास वन विभाग की तत्परता से विफल हो गया. वन विभाग की टीम और वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. शंकरघाट के समीप वन भूमि पर खेती करने की तैयारी थी

वन परिक्षेत्राधिकारी निखिल पैकरा ने बताया कि फरवरी माह से वन क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश हो रही थी. वन विभाग की दखलअंदाजी से अतिक्रमण का प्रयास रुक गया था. पिछले कुछ दिनों में एक बार अतिक्रमण की कोशिश शुरू हुई. अतिक्रमणकारियों ने वन भूमि को समतल कर फेंसिंग कर दिया था. अतिक्रमण के बाद खेती की क्यारी भी बना ली गयी थी.

एक एकड़ वन भूमि से अवैध कब्जा हटाया

आज परिक्षेत्र सहायक केके तिवारी की अगुवाई में वन अमला और वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने मौके पर पहुंच कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की. अतिक्रमणकारियों ने कब्जा हटाने का विरोध कर मामले की शिकायत कलेक्टर से करने की भी बात कही.

वन अमला और वन प्रबंधन समिति के सदस्यों ने लगभग एक एकड़ भूमि में लगाए गए खंभे और जाली को जब्त कर लिया. निखिल पैकरा ने बताया कि अतिक्रमणकारी कमल नयन गुप्ता, अरूण कुमार टोप्पो, ओनिमेश सिन्हा, अर्चना गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सरगुजा जिले के लगभग सभी वन क्षेत्र की भूमि पर लगातार कब्जा जारी है.

वन विभाग की टीम ने दिखायी सक्रियता

ज्यादातर लोग वन भूमि अधिकार पत्र पाने की लालच में अतिक्रमण कर रहे हैं. सरगुजा वनमंडलाधिकारी टी शेखर ने कहा है कि वन क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश को लगातार नाकाम किया जा रहा है. वन भूमि को संरक्षित रखने के लिए विभाग पूरी तरह सजग है.

उन्होंने कहा कि मैदानी वन विभाग की टीम को वन क्षेत्र में अतिक्रमण पर अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. अतिक्रमण की शिकायत मिलने पर आलाधिकारियों को सूचना देने की भी हिदायत दी गयी है. डीएफओ टी शेखर ने कहा कि वन अधिकार पत्र के माध्यम से मिली भूमि बेचे जाने शिकायत मिली है. मामलों में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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